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28 Aug 2024 · 1 min read

बहुत छुपाया हो गई,

बहुत छुपाया हो गई,
व्यक्त उमर की पीर ।
झुर्री में रुक- रुक चला,
व्यथित नयन का नीर ।।

सुशील सरना / 28-8-24

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