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27 Aug 2024 · 1 min read

खुशामद की राह छोड़कर,

खुशामद की राह छोड़कर,
हक़ के लिए लड़ना होगा…
मंद हवा का रुख़ मोड़कर,
तूफां के संग चलना होगा…

…. अजित कर्ण ✍️

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