Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Aug 2024 · 1 min read

दर्द अपना, गिला नहीं कोई।

मुक्तक

दर्द अपना, गिला नहीं कोई।
मुफलिसी में, हुआ नहीं कोई।
जिसका कोई कहीं इलाज नहीं,
मिली उसकी दवा नहीं कोई।

…..✍ सत्य कुमार प्रेमी

Language: Hindi
120 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from सत्य कुमार प्रेमी
View all

You may also like these posts

बदलती स्याही
बदलती स्याही
Seema gupta,Alwar
मन के अंदर एक समंदर भाव की धारा बहती है,
मन के अंदर एक समंदर भाव की धारा बहती है,
jyoti jwala
सफ़र जिंदगी के.....!
सफ़र जिंदगी के.....!
VEDANTA PATEL
4659.*पूर्णिका*
4659.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
बासी रोटी भी हो तो
बासी रोटी भी हो तो
shabina. Naaz
'उड़ाओ नींद के बादल खिलाओ प्यार के गुलशन
'उड़ाओ नींद के बादल खिलाओ प्यार के गुलशन
आर.एस. 'प्रीतम'
16---🌸हताशा 🌸
16---🌸हताशा 🌸
Mahima shukla
*अनमोल वचन*
*अनमोल वचन*
नेताम आर सी
उम्मीद ....
उम्मीद ....
sushil sarna
मिलावट(एकटा मैथिली व्यंग्य)
मिलावट(एकटा मैथिली व्यंग्य)
मनोज कर्ण
क्या गुनाह कर जाता हूं?
क्या गुनाह कर जाता हूं?
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
झूठ बिकता रहा बाजार में ।
झूठ बिकता रहा बाजार में ।
विवेक दुबे "निश्चल"
यदि मुझे काजल लगाना पड़े तुम्हारे लिए, बालों और चेहरे पर लगा
यदि मुझे काजल लगाना पड़े तुम्हारे लिए, बालों और चेहरे पर लगा
पूर्वार्थ
समंदर इंतजार में है,
समंदर इंतजार में है,
Manisha Wandhare
प्रभु राम का घर है ये प्यारे
प्रभु राम का घर है ये प्यारे
Ramji Tiwari
आशिकी
आशिकी
Phool gufran
"प्रश्नों के बाण"
DrLakshman Jha Parimal
बन के देखा है मैंने गुलाब का फूल,
बन के देखा है मैंने गुलाब का फूल,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
दुःख सुख
दुःख सुख
Dr.Priya Soni Khare
सरस्वती वंदना
सरस्वती वंदना
Satya Prakash Sharma
श्रद्धा के दो फूल
श्रद्धा के दो फूल
आकाश महेशपुरी
"तारीफ़"
Dr. Kishan tandon kranti
मुझे तो किसी से वफ़ा नहीं
मुझे तो किसी से वफ़ा नहीं
Shekhar Chandra Mitra
हम क्यों लगाये यह दिल तुमसे
हम क्यों लगाये यह दिल तुमसे
gurudeenverma198
हास्य घनाक्षरी ( करवा चौथ)
हास्य घनाक्षरी ( करवा चौथ)
Suryakant Dwivedi
..
..
*प्रणय प्रभात*
*नववधु ! कभी किसी की झूठी, बातों में तुम मत आना (गीत)*
*नववधु ! कभी किसी की झूठी, बातों में तुम मत आना (गीत)*
Ravi Prakash
डीजे।
डीजे।
Kumar Kalhans
हृदय वीणा हो गया।
हृदय वीणा हो गया।
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
चढ़ा दिया बेशक इन्हें, शूली पर लो जान
चढ़ा दिया बेशक इन्हें, शूली पर लो जान
RAMESH SHARMA
Loading...