Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Aug 2024 · 1 min read

भय दिखा कर कोई महान नहीं हो सकता है, हां वो प्रेमपूर्ण होने

भय दिखा कर कोई महान नहीं हो सकता है, हां वो प्रेमपूर्ण होने से महान हो सकता है। – रविकेश झा

75 Views

You may also like these posts

चाॅंद पे भी तो दाग है
चाॅंद पे भी तो दाग है
विक्रम सिंह
ऐ हवा रुक अभी इंतजार बाकी है ।
ऐ हवा रुक अभी इंतजार बाकी है ।
Phool gufran
تونے جنت کے حسیں خواب دکھائے جب سے
تونے جنت کے حسیں خواب دکھائے جب سے
Sarfaraz Ahmed Aasee
प्यार करता हूं और निभाना चाहता हूं
प्यार करता हूं और निभाना चाहता हूं
इंजी. संजय श्रीवास्तव
क्या करे जनाब वक़्त ही नहीं मिला
क्या करे जनाब वक़्त ही नहीं मिला
MEENU SHARMA
रमेशराज का एक पठनीय तेवरी संग्रह “घड़ा पाप का भर रहा ” +डॉ. हरिसिंह पाल
रमेशराज का एक पठनीय तेवरी संग्रह “घड़ा पाप का भर रहा ” +डॉ. हरिसिंह पाल
कवि रमेशराज
ग़ज़ल
ग़ज़ल
आर.एस. 'प्रीतम'
है नसीब अपना अपना-अपना
है नसीब अपना अपना-अपना
VINOD CHAUHAN
हरिगीतिका छंद विधान सउदाहरण ( श्रीगातिका)
हरिगीतिका छंद विधान सउदाहरण ( श्रीगातिका)
Subhash Singhai
କୁଟୀର ଘର
କୁଟୀର ଘର
Otteri Selvakumar
"अवसाद का रंग"
Dr. Kishan tandon kranti
हम चुप रहे कभी किसी को कुछ नहीं कहा
हम चुप रहे कभी किसी को कुछ नहीं कहा
Dr Archana Gupta
कवित्व प्रतिभा के आप क्यों ना धनी हों ,पर आप में यदि व्यावहा
कवित्व प्रतिभा के आप क्यों ना धनी हों ,पर आप में यदि व्यावहा
DrLakshman Jha Parimal
2514.पूर्णिका
2514.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
मेरे हाथ की लकीरों में मोहब्बत लिख दे
मेरे हाथ की लकीरों में मोहब्बत लिख दे
Jyoti Roshni
बाल कविता: मोटर कार
बाल कविता: मोटर कार
Rajesh Kumar Arjun
सांसों की इस सेज पर, सपनों की हर रात।
सांसों की इस सेज पर, सपनों की हर रात।
Suryakant Dwivedi
एक कुंडलियां छंद-
एक कुंडलियां छंद-
Vijay kumar Pandey
नवल वर्ष का नवल हर्ष के साथ करें हम अभिनंदन
नवल वर्ष का नवल हर्ष के साथ करें हम अभिनंदन
Kanchan Gupta
बिना मांगते ही खुदा से
बिना मांगते ही खुदा से
Shinde Poonam
बस इतने के लिए समेट रक्खा है
बस इतने के लिए समेट रक्खा है
शिव प्रताप लोधी
■ सुबह-सुबह का ज्ञान।।
■ सुबह-सुबह का ज्ञान।।
*प्रणय*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
DR ARUN KUMAR SHASTRI
DR ARUN KUMAR SHASTRI
अंतहीन प्रश्न
अंतहीन प्रश्न
Shyam Sundar Subramanian
मैं अकेली हूँ...
मैं अकेली हूँ...
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
*अंग्रेजी राज में सुल्ताना डाकू की भूमिका*
*अंग्रेजी राज में सुल्ताना डाकू की भूमिका*
Ravi Prakash
जुगनू सी ख़्वाहिश  ...... लघु रचना
जुगनू सी ख़्वाहिश ...... लघु रचना
sushil sarna
गणतंत्र के मूल मंत्र की,हम अकसर अनदेखी करते हैं।
गणतंत्र के मूल मंत्र की,हम अकसर अनदेखी करते हैं।
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
दूहौ
दूहौ
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
विद्यावाचस्पति Ph.D हिन्दी
विद्यावाचस्पति Ph.D हिन्दी
Mahender Singh
Loading...