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21 Aug 2024 · 1 min read

“अतिथि “

“अतिथि ”
होठों पर जरा मुस्कान सजाओ,
अतिथि होते सदा देव समान।
हृदय से स्वागत करना जरूरी,
खुला रखो सदा अपना मकान।

3 Likes · 3 Comments · 102 Views
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