Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Aug 2024 · 1 min read

आजादी भी अनुशासित हो।

आजादी भी अनुशासित हो।
कहीं न कोई मन बाधित हो।।
चलो आत्मनिर्भरता पायें,
ये जीवन नहीं पराश्रित हो।।

— ननकी 15/08/2024

116 Views

You may also like these posts

जो सृजन करता है वही विध्वंश भी कर सकता है, क्योंकि संभावना अ
जो सृजन करता है वही विध्वंश भी कर सकता है, क्योंकि संभावना अ
Ravikesh Jha
न दें जो साथ गर्दिश में, वह रहबर हो नहीं सकते।
न दें जो साथ गर्दिश में, वह रहबर हो नहीं सकते।
सत्य कुमार प्रेमी
मुकाम तक जाती हुईं कुछ ख्वाइशें
मुकाम तक जाती हुईं कुछ ख्वाइशें
Padmaja Raghav Science
खुला आसमान
खुला आसमान
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
3426⚘ *पूर्णिका* ⚘
3426⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
बात उनकी कभी टाली नहीं जाती हमसे
बात उनकी कभी टाली नहीं जाती हमसे
Dr Archana Gupta
ऋषि 'अष्टावक्र'
ऋषि 'अष्टावक्र'
Indu Singh
"जस्टिस"
Dr. Kishan tandon kranti
मनोवृत्तियाँ
मनोवृत्तियाँ
डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
राज़ बता कर जाते
राज़ बता कर जाते
Monika Arora
पेड़ पौधे और खुशहाली
पेड़ पौधे और खुशहाली
Mahender Singh
चलो आज वक्त से कुछ फरियाद करते है....
चलो आज वक्त से कुछ फरियाद करते है....
रुचि शर्मा
एकरसता मन को सिकोड़ती है
एकरसता मन को सिकोड़ती है
Chitra Bisht
आए निज घर श्री राम
आए निज घर श्री राम
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
अंतहीन पीड़ा से
अंतहीन पीड़ा से
लक्ष्मी सिंह
वोट कर!
वोट कर!
Neelam Sharma
वो चिट्ठियां
वो चिट्ठियां
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
खुद की नज़रों में भी
खुद की नज़रों में भी
Dr fauzia Naseem shad
चांद सितारों सी मेरी दुल्हन
चांद सितारों सी मेरी दुल्हन
Mangilal 713
बे सबब तिश्नगी.., कहाँ जाऊँ..?
बे सबब तिश्नगी.., कहाँ जाऊँ..?
पंकज परिंदा
सारे दुख दर्द होजाते है खाली,
सारे दुख दर्द होजाते है खाली,
Kanchan Alok Malu
मौजूदा ये साल मयस्ससर हो जाए
मौजूदा ये साल मयस्ससर हो जाए
Shweta Soni
वो भी तो ऐसे ही है
वो भी तो ऐसे ही है
gurudeenverma198
*Eternal Puzzle*
*Eternal Puzzle*
Poonam Matia
If you ever need to choose between Love & Career
If you ever need to choose between Love & Career
पूर्वार्थ
संवेदना
संवेदना
Kanchan verma
बहुत दाम हो गए
बहुत दाम हो गए
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
सब्ज़ियाँ(आलू की बारात)
सब्ज़ियाँ(आलू की बारात)
Dr. Vaishali Verma
"पंचतंत्र" में
*प्रणय*
कविता
कविता
Rambali Mishra
Loading...