एक महिला जिससे अपनी सारी गुप्त बाते कह देती है वह उसे बेहद प
शिक्षा का उद्देश्य केवल रोजगार पाना नहीं है
प्रशांत सोलंकी
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
मैं चट्टान हूँ खंडित नहीँ हो पाता हूँ।
महब्बत मैगनेट है और पइसा लोहा
कुछ अच्छे गुण लोगों को महान बनाते हैं,
*रामपुर की अनूठी रामलीला*
कैसे हो हम शामिल, तुम्हारी महफ़िल में
दो सीटें ऐसी होनी चाहिए, जहाँ से भाई-बहन दोनों निर्विरोध निर
ग़ज़ल _ यूँ नज़र से तुम हमको 🌹
ना तुझ में है, ना मुझ में है
"मनुज बलि नहीं होत है - होत समय बलवान ! भिल्लन लूटी गोपिका - वही अर्जुन वही बाण ! "
आइए चलें भीड़तंत्र से लोकतंत्र की ओर
आओ छंद लिखे (चौपाई)
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"