Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Jul 2024 · 2 min read

देवदूत

Sent from my iPhone देवदूत

कल रात देवदूत मेरी छत पर उतरा और बोला मुझसे , ‘ माँग क्या माँगना है ?’
मैंने कहा , “मेरी संतान सुखी रहे ।”
“ तथास्तु । और ? “ उसने हंस कर कहा ।
“ मेरे परिवार का स्वास्थ्य अच्छा रहे, हमें धन की कभी कमी न हो , आपस में स्नेह और विश्वास बना रहे ।” मैं जल्दी जल्दी बोल गई ।
“ ज़रूर “ वह फिर हंस दिया, “ अभी मेरा मन नहीं भरा , कुछ और माँगो ।” उसने हाथ उठाकर कहा ।
“ तो देवदूत, यह सब मेरे भाई, बहन , मित्रों को भी मिले । “
“ निश्चय ही, यह तो तुम्हारे ही सुख का भाग है ।पर अभी मेरे पास बहुत कुछ है , मैं फिर कभी तुम्हें मिलूँ न मिलूँ , आज और माँग लो ।”
“ तो मेरे राष्ट्र को संपन्न कर दो ।”
“ ज़रूर यह भी तो तुम्हारी ही संपन्नता से जुड़ा है। कुछ और माँगो , मेरे पास कुछ पल तुम्हारे साथ शेष हैं ।”
मैं यकायक प्रार्थना के भाव से भर उठी , “ तो देवदूत समस्त संसार को सुख, शांति, आनंद से भर दो । “
देवदूत हंस दिया, “ अरे मूर्ख , तुम्हें किसी ने बताया नहीं कि तुम्हारा सुख और संसार का सुख एक ही है, तुम यदि मुझसे पहले वहीं माँग लेती तो तुझे स्वयं का सुख स्वयं ही मिल जाता , और इस बचे हुए समय में मैं तुम्हें ब्रह्मांड के रहस्य जानने का वरदान भी दे देता, अब मेरा समय हो गया है और मैं जा रहा हूँ ।”
“ भूल हो गई मुझसे, परन्तु मुझे मेरे वरदान तो मिल जायेंगे न? “
“ क्यों नहीं , यह सब तो तुम्हारे अपने हाथ में है , कभी स्वयं के और दूसरों के हितों में अंतर मिटा कर तो देखो ।”
देवदूत जैसे आया था वैसे चला गया , और मैं निस्तब्ध खड़ी रही ।

शशि महाजन- लेखिका

108 Views

You may also like these posts

संकल्प का अभाव
संकल्प का अभाव
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
आज नहीं तो कल निकलेगा..!
आज नहीं तो कल निकलेगा..!
पंकज परिंदा
नई दृष्टि
नई दृष्टि
PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य )
*बिरहा की रात*
*बिरहा की रात*
Pushpraj Anant
"फेसबुक मित्रों की बेरुखी"
DrLakshman Jha Parimal
नारी : एक अतुल्य रचना....!
नारी : एक अतुल्य रचना....!
VEDANTA PATEL
🙅चाहत🙅
🙅चाहत🙅
*प्रणय*
कब हमको ये मालूम है,कब तुमको ये अंदाज़ा है ।
कब हमको ये मालूम है,कब तुमको ये अंदाज़ा है ।
Phool gufran
पाँव पर जो पाँव रख...
पाँव पर जो पाँव रख...
डॉ.सीमा अग्रवाल
बेहद खुशनुमा और हसीन से हो गए हैं ये दिन।
बेहद खुशनुमा और हसीन से हो गए हैं ये दिन।
Rj Anand Prajapati
🙏
🙏
Neelam Sharma
रुलाई
रुलाई
Bodhisatva kastooriya
राह मुश्किल हो चाहे आसां हो
राह मुश्किल हो चाहे आसां हो
Shweta Soni
बिछड़कर मुझे
बिछड़कर मुझे
Dr fauzia Naseem shad
ग़ज़ल : उसने देखा मुझको तो कुण्डी लगानी छोड़ दी
ग़ज़ल : उसने देखा मुझको तो कुण्डी लगानी छोड़ दी
Nakul Kumar
ऎसी दिवाली हो
ऎसी दिवाली हो
Shalini Mishra Tiwari
మాయా లోకం
మాయా లోకం
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
यूज एण्ड थ्रो युवा पीढ़ी
यूज एण्ड थ्रो युवा पीढ़ी
Ashwani Kumar Jaiswal
*ट्रक का ज्ञान*
*ट्रक का ज्ञान*
Dr. Priya Gupta
राष्ट्रवादहीनता
राष्ट्रवादहीनता
Rambali Mishra
रोना भी जरूरी है
रोना भी जरूरी है
Surinder blackpen
मधुर वाणी बोलना एक मंहगा शौक है जो हर किसी के बस की बात नहीं
मधुर वाणी बोलना एक मंहगा शौक है जो हर किसी के बस की बात नहीं
ललकार भारद्वाज
मुश्किल है हिम्मत करना
मुश्किल है हिम्मत करना
अरशद रसूल बदायूंनी
ये मेरा स्वयं का विवेक है
ये मेरा स्वयं का विवेक है
शेखर सिंह
ए जिंदगी तेरी किताब का कोई भी पन्ना समझ नहीं आता
ए जिंदगी तेरी किताब का कोई भी पन्ना समझ नहीं आता
Jyoti Roshni
*शहर की जिंदगी*
*शहर की जिंदगी*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
मेरी हस्ती का अभी तुम्हे अंदाज़ा नही है
मेरी हस्ती का अभी तुम्हे अंदाज़ा नही है
'अशांत' शेखर
स्नेह से
स्नेह से
surenderpal vaidya
हंसी आ रही है मुझे,अब खुद की बेबसी पर
हंसी आ रही है मुझे,अब खुद की बेबसी पर
Pramila sultan
कुछ अलग ही प्रेम था,हम दोनों के बीच में
कुछ अलग ही प्रेम था,हम दोनों के बीच में
Dr Manju Saini
Loading...