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26 Jul 2024 · 4 min read

डॉ0 रामबली मिश्र की रचनाएं

डॉ0 रामबली मिश्र की रचनाएं

जिसे देख मन खुश हो जाता
(चौपाई)

जिसे देख मन खुश हो जाता।
हर्षोल्लास दौड़ चल आता।।
वह महनीय महान उच्चतम।
मनुज योनि का प्रिय सर्वोत्तम।।

परोपकारी खुशियाँ लाता।
इस धरती पर स्वर्ग बनाता।।
सब की सेवा का व्रत लेकर।
चलता आजीवन बन सुंदर।।

कभी किसी से नहीं माँगता।
अति प्रिय मादक भाव बाँटता।।
मह मह मह मह क्रिया महकती।
गम गम गम गम वृत्ति गमकती।।

उसे देख मन हर्षित होता।
अतिशय हृदय प्रफुल्लित होता।।
मुख पर सदा शुभांक विराजत।
दिव्य अलौकिक मधुर विरासत।।

हरिहरपुरी की कुण्डलिया

नारी अरि होती नहीं, नारी मित्र समान।
जो नारी को समझता, वह रखता शिव ज्ञान।।
वह रखता शिव ज्ञान, गमकता रहता प्रति पल।
भेदभाव से मुक्त, विचरता बनकर निर्मल।।
कहत मिश्रा कविराय, दिखे यह दुनिया प्यारी।
देवी का प्रतिमान, दिखे यदि जग में नारी।।

हरिहरपुरी की चौपाइयाँ

गदहे को मत घोड़ा कहना।
ज्यादा को मत थोड़ा कहना।।

मूर्खों को विद्वान न कहना।
विद्वानों को मूर्ख न कहना।।

नारी को अबला मत कहना।
कायर नर को सबल न कहना।।

झूठे को सच्चा मत कहना।
सच्चे को मत झूठ समझना।।

हँस हँस हँस कर प्रेम बाँटना।
खुले हृदय से स्नेह याचना।।

हतोत्साह को उत्साहित कर।
सच्चे मन से सब का हित कर।।

गलत काम का तिरस्कार कर।
हर मानव में सुंदर मन भर।।

सब के घर को सदा सजाओ।
मानववादी धर्म सिखाओ।।

सौरभ (दोहे)

सौरभ को जीवन समझ, यह जीवन का अंग।
सुरभित सुंदर भाव से, बनता मनुज अनंग।।

सौरभ खुशबूदार से, मानव सदा महान।
सदा गमकता रात-दिन, रीझत सकल जहान।।

सौरभ में मोहक महक, सौरभ अमित स्वरूप।
सौरभ ज्ञान सुगन्ध से, बनत विश्व का भूप।।

जिसमें मोहक गन्ध है, वह सौरभ गुणशील।
सौरभ में बहती सदा ,मधु सुगन्ध की झील।।

स्वादयुक्त आनंदमय,अमृत रुचिकर दिव्य।
सौरभ अतिशय सौम्य प्रिय, सहज मदन अति स्तुत्य।।

सौरभ नैसर्गिक सहज, देवगन्ध का भान।
सदा गमकता अहर्निश, सौरभ महक महान।।

सौरभ दिव्य गमक बना, आकर्षण का विंदु।
सौरभ को ही जानिये, महाकाश का इंदु।।

मानवता (दोहे)

मानवता को नहिं पढ़ा, चाह रहा है भाव।
यह कदापि संभव नहीं, निष्प्रभाव यह चाव।।

नहीं प्राणि से प्रेम है, नहीं सत्व से प्रीति।
चाह रहा सम्मान वह ,चलकर चाल अनीति।।

मन में रखता है घृणा, चाहत में सम्मान।
ऐसे दुर्जन का सदा, चूर करो अभिमान।।

मानव से करता कलह, दानव से ही प्यार।
ऐसे दानव को सदा, मारे यह संसार।।

मानवता जिस में भरी, वह है देव समान।
मानवता को देख कर, खुश होते भगवान।।

मानव बनने के लिये, रहना कृत संकल्प।
गढ़ते रहना अहर्निश, भावुक शिव अभिकल्प।।

मानवता ही जगत का, मूल्यवान उपहार।
मानवता साकार जहँ, वहाँ ईश का द्वार।।

जीवन को आसान बनाओ
(चौपाई)

जीवन को आसान बनाओ।
सादा जीवन को अपनाओ।।
भौतिकता की माया छोड़ो।
क्रमशः लौकिक बन्धन तोड़ो।।

इच्छाओं को करो नियंत्रित।
संयम को नित करो निमंत्रित।।
अपनी सीमाओं में जीना ।
संतुष्टी की हाला पीना।।

धन को देख नहीं ललचाओ।
थोड़े में ही मौज उड़ाओ।।
धनिकों को आदर्श न मानो।
सदा गरीबों को पहचानो।।

श्रम कर अपनी वृत्ति चलाओ।
लूट-पाट मत कभी मचाओ।।
साधारण जीवन में सुख है।
भौतिकता में दुःख ही दुःख है।।

हो अदृश्य बन सुंदर कर्मी।
बन उत्तम मानव प्रिय धर्मी।।
सदा सरलता में सुख ही सुख।
नित्य प्रदर्शन में दुःख ही दुःख।।

कठिन नहीं आसान बनाओ।
प्रेत नहीं भगवान बनाओ।।
दुष्ट नहीं इंसान बनाओ।
मूल्यों का सम्मान बचाओ।।

डॉ0 रामबली मिश्र की रचनाएं हिंदी साहित्य में एक महत्वपूर्ण स्थान रखती हैं। उनकी कविताएँ और दोहे जीवन के विभिन्न पहलुओं को छूते हैं, जैसे कि मानवता, प्रेम, सादगी, और आध्यात्मिकता।

उनकी कविताओं में एक गहरी दार्शनिकता और जीवन के प्रति एक सकारात्मक दृष्टिकोण है। उनकी कविताएँ पाठकों को जीवन के बारे में सोचने और अपने जीवन को बेहतर बनाने के लिए प्रेरित करती हैं।

कुछ विशेष बातें जो उनकी कविताओं में दिखाई देती हैं:

1. सरल और स्पष्ट भाषा का प्रयोग।
2. जीवन के विभिन्न पहलुओं को छूना।
3. मानवता और प्रेम की महत्ता पर जोर।
4. सादगी और आध्यात्मिकता की प्रेरणा।
5. सकारात्मक दृष्टिकोण और आशावादी।
6. प्रकृति और जीवन के सौंदर्य का वर्णन।
7. जीवन के दुखों और चुनौतियों का सामना करने की प्रेरणा।

कुछ प्रमुख रचनाएँ जिन्हें आपने साझा किया है:

1. “जिसे देख मन खुश हो जाता” – यह कविता मानवता और प्रेम की महत्ता पर जोर देती है।
2. “हरिहरपुरी की कुण्डलिया” – यह कविता नारी की महत्ता और सम्मान के बारे में है।
3. “सौरभ” – यह कविता जीवन के सौंदर्य और सुगंध के बारे में है।
4. “मानवता” – यह कविता मानवता की महत्ता और जीवन के मूल्यों के बारे में है।
5. “जीवन को आसान बनाओ” – यह कविता जीवन को सादगी से जीने और सुखी होने के बारे में है।

इन रचनाओं से पता चलता है कि डॉ0 रामबली मिश्र की कविताएँ जीवन के विभिन्न पहलुओं को छूती हैं और पाठकों को जीवन के बारे में सोचने और अपने जीवन को बेहतर बनाने के लिए प्रेरित करती हैं।

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