शब्दों की चाहत है हृदय में उनके,
यूं ही नहीं कहते हैं इस ज़िंदगी को साज-ए-ज़िंदगी,
*साम्ब षट्पदी---*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
अपने-अपने नज़रिये की बात है साहब!
"UG की महिमा"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
पुछ रहा भीतर का अंतर्द्वंद
" आखिर कब तक ...आखिर कब तक मोदी जी "
*रिश्ते भैया दूज के, सबसे अधिक पवित्र (कुंडलिया)*
प्रकृति
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
"Study like the future depends on it, because it does. Every
बह्र - 1222-1222-122 मुफ़ाईलुन मुफ़ाईलुन फ़ऊलुन काफ़िया - आ रदीफ़ -है।