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17 Feb 2024 · 1 min read

नेता

जब मन में उठा लेता हूं
तो उनको भी जान लेता हूं
जो स्वयं को समाज राष्ट्र व्यक्ति का हितैषी होने का स्वांग रचा करते हैं सामाजिक सम्मेलन
चुनावी सभाओं
दुर्घटनाओ शोक सभाओ में
आकस्मिक क्षणिक संवेदना
और झूठी आत्मीयता प्रकट कर
पीड़ितों के मन में
सुख संतोष का संचार करने में
सफल होते हैं
विफल होते हैं तो केवल आमजन
जो उनको पहचानने में हर बार गलती करने के लिए विवश होते हैं
किसी न किसी को तो चुनना होता है
पर नियति का खेल
धोखा जनता के साथ होता है

@ओम प्रकाश मीना

Language: Hindi
104 Views
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