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25 Jul 2024 · 1 min read

കവിതയുടെ ജനനം

കവിതയുടെ ജനനം
****************

സ്വപ്നത്തി
ലെന്നും ഞാൻ
കവിതയാം പെണ്ണിന്റെ
മൃദു മേനി
പുൽകി
ക്കിടന്നിരുന്നു.

എൻ വിരലു
കളവളുടെ
മേനിയിലാകവേ
ചിത്രം വരച്ചു നടന്നിരുന്നു.

ഉമ്മ വച്ചു ഞാൻ
അക്ഷരങ്ങളിൽ
മെല്ലെയവളെ
യുണർത്തിടുമ്പോൾ

ജനിക്കട്ടെ കുഞ്ഞുങ്ങൾ
നൂറല്ലൊരായിരം
നമ്മുടെ സംഗമ
വേളകളിൽ.

ഹീരാഷണ്മുഖം.

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