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20 May 2021 · 1 min read

सावन आया

हुई वर्षा , मन हर्षा ,देख मौसम मन भावन का ।
बूँदें पड़ी , लगी झड़ी ,आया महीना सावन का ।।

उजली लड़की , बिजली कड़की , नाच उठा मन मोर जन जन का ।
नदियों में भरपूर पानी , कहे नई कहानी , झूमे पपीहा मोरे मन का ।।
आया महीना सावन का ।

सावन बरसे , विरहन तरसे , बीत रहा महीना सावन का ।
जब से गये पिया , मोरा तरसे हिया , बीत न जाये महीना सावन का ।।
आया महीना सावन का ।

ओम् ढूँढ़ो प्रियतम , हटे मन का ये तम , सुनो साज मोरे मन का ।
लौट आओ हमदम , राह तकते हैं हम , हरो सूनापन मोरे जीवन का ।।
आया महीना सावन का ।

ओमप्रकाश भारती ओम्

7 Likes · 12 Comments · 518 Views
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