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20 Jul 2024 · 1 min read

***आकाश नीला है***

***आकाश नीला है***
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सारा आकाश नीला है,
पर सूरज पाक पीला है।

धरती की आस प्यासी है,
बादल का ढंग ढीला है।

ग़म में गमगीन लगती है,
गौरी का गाल गीला है।

मन को भाये हंसी बातें,
बातों का राज रँगीला है।

मनसीरत राह में राही,
बस थोड़ी दूर टीला है।
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)

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