Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Jan 2024 · 1 min read

बात करोगे तो बात बनेगी

बात करोगे तो बात बनेगी
बिना बात के यहां दाल नहीं गलेगी।
क्योंकि यहां खेल ही सारा बातों का है
यहां मोल नहीं कोई जज़्बातों का है।
जो तुम कह सकें अपनी बातें
सुधर जाएंगी तुम्हारे दिन और रातें।
हर शख्स तुम्हारा अपना होगा
पूरा तुम्हारा हर सपना होगा।
जहां तुम चूकें कुछ कहने से
अपनी बात समझाने से
वहीं सब तुमसे बिगड़ेंगे
तुम्हारे बनते काम बिगड़ेंगे।
तुम चाह कर भी कुछ न कर पाओगे
और अपने को सबसे दूर पाओगे।
अगर जिंदगी को तुमको जीना है
तो बिना बात यहां कुछ नहीं होना है।
क्योंकि…
बात करोगे तो बात बनेगी
बिना बात के यहां दाल नहीं गलेगी।

– श्रीयांश गुप्ता

Language: Hindi
2 Likes · 1 Comment · 129 Views

You may also like these posts

" भविष्य "
Dr. Kishan tandon kranti
रंगत मेरी बनी अभिशाप
रंगत मेरी बनी अभिशाप
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
अल मस्त फकीर
अल मस्त फकीर
Dr. P.C. Bisen
शे
शे
*प्रणय*
हंस भेस में आजकल,
हंस भेस में आजकल,
sushil sarna
कलम ठहर न जाए देखो।
कलम ठहर न जाए देखो।
Kumar Kalhans
एक आरजू
एक आरजू
लक्ष्मी सिंह
माँ की दुआ
माँ की दुआ
Usha Gupta
बिहार की सियासी उठापटक: बढ़ता जन असंतोष और प्रदर्शन, क्या बदलेंगे हालात?
बिहार की सियासी उठापटक: बढ़ता जन असंतोष और प्रदर्शन, क्या बदलेंगे हालात?
Shakil Alam
उजले कारों से उतर फूलों पर चलते हों
उजले कारों से उतर फूलों पर चलते हों
Keshav kishor Kumar
एक गुलाब हो
एक गुलाब हो
हिमांशु Kulshrestha
6. शहर पुराना
6. शहर पुराना
Rajeev Dutta
कुछ लोग प्रेम देते हैं..
कुछ लोग प्रेम देते हैं..
पूर्वार्थ
*मूलत: आध्यात्मिक व्यक्तित्व श्री जितेंद्र कमल आनंद जी*
*मूलत: आध्यात्मिक व्यक्तित्व श्री जितेंद्र कमल आनंद जी*
Ravi Prakash
मन डूब गया
मन डूब गया
Kshma Urmila
बारिश की बूंद
बारिश की बूंद
Neeraj Agarwal
व्हाट्सएप युग का प्रेम
व्हाट्सएप युग का प्रेम
Shaily
हमारा हाल अब उस तौलिए की तरह है बिल्कुल
हमारा हाल अब उस तौलिए की तरह है बिल्कुल
Johnny Ahmed 'क़ैस'
।। श्री सत्यनारायण कथा द्वितीय अध्याय।।
।। श्री सत्यनारायण कथा द्वितीय अध्याय।।
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
यूं ही कोई लेखक नहीं बन जाता।
यूं ही कोई लेखक नहीं बन जाता।
Sunil Maheshwari
आज़ाद थें, आज़ाद हैं,
आज़ाद थें, आज़ाद हैं,
Ahtesham Ahmad
पितामह भीष्म को यदि यह ज्ञात होता
पितामह भीष्म को यदि यह ज्ञात होता
Sonam Puneet Dubey
जिंदगी मुझसे हिसाब मांगती है ,
जिंदगी मुझसे हिसाब मांगती है ,
Shyam Sundar Subramanian
मान तुम प्रतिमान तुम
मान तुम प्रतिमान तुम
Suryakant Dwivedi
शीतलहर (नील पदम् के दोहे)
शीतलहर (नील पदम् के दोहे)
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
23/65.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/65.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
जन्म हाथ नहीं, मृत्यु ज्ञात नहीं।
जन्म हाथ नहीं, मृत्यु ज्ञात नहीं।
Sanjay ' शून्य'
सो चुके जीव सभी
सो चुके जीव सभी
Chitra Bisht
चीर हरण
चीर हरण
Dr.Pratibha Prakash
हे मात भवानी...
हे मात भवानी...
डॉ.सीमा अग्रवाल
Loading...