इन तूफानों का डर हमको कुछ भी नहीं
You'll never truly understand
उसे खो देने का डर रोज डराता था,
बिखर गई INDIA की टीम बारी बारी ,
*साम्ब षट्पदी---*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
माता पिता के बाद जो कराता है आपके कर्त्तव्यपथ का ज्ञान उसे व
सच्चा ज्ञानी व्यक्ति वह है जो हमें अपने भीतर पहुंचने में मदद
*सुबह हुई तो गए काम पर, जब लौटे तो रात थी (गीत)*
मत गुजरा करो शहर की पगडंडियों से बेखौफ
ग़ज़ल : कई क़िस्से अधूरे रह गए अपनी कहानी में
मानसिक शान्ति के मूल्य पर अगर आप कोई बहुमूल्य चीज भी प्राप्त
झूठ का दामन चाक किया,एक हकीकत लिख आए। चाहत के मोती लेकर एहसास की कीमत लिख आए। प्यार की खुशबू,इश्क ए कलम से,खत में लिखकर भेजा है। "सगीर" तितली के पंखों पर हम अपनी मोहब्बत लिख आए।
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
बच्चों की ख्वाहिशों का गला घोंट के कहा,,
गीत- तेरा जो साथ मिल जाए...
मैं उनकी ज़फाएं सहे जा रहा हूॅं।