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8 Jul 2024 · 1 min read

बुढ़ापा अति दुखदाई (हास्य कुंडलिया)

बुढ़ापा अति दुखदाई (हास्य कुंडलिया)
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डाई बालों में लगी , दिखते काले बाल
पिचका मुख ऑंखें धँसीं,झुर्री वाली खाल
झुर्री वाली खाल , कहाँ असली बत्तीसी
खाते पतली दाल, रोज मिक्सी की पीसी
कहते रवि कविराय, बुढ़ापा अति दुखदाई
लगा जान को काम ,बाल हर हफ्ता डाई
“””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””
रचयिता :रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश )मोबाइल 999 7615451

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