कोई नाराज़गी है तो बयाँ कीजिये हुजूर,
बांधाए आती हैं आने दो हर बाधा से लड़ जाऊँगा । जब तक लक्ष्य न
युवा संवाद
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
एक कलाकार/ साहित्यकार को ,
चलेंगे साथ जब मिलके, नयी दुनियाँ बसा लेंगे !
किसी से लड़ के छोडूँगा न ही अब डर के छोड़ूँगा
जिंदगी हमको हँसाती रात दिन
अटल मुरादाबादी(ओज व व्यंग्य )
मैंने उस नद्दी की किस्मत में समंदर लिख दिया
उड़ जा,उड़ जा पतंग,तू ऐसे रे
कभी राधा कभी मीरा ,कभी ललिता दिवानी है।
श्री श्याम भजन 【लैला को भूल जाएंगे】
*सुबह हुई तो गए काम पर, जब लौटे तो रात थी (गीत)*
कहो जय भीम
Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661
एक साक्षात्कार - चाँद के साथ