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29 Oct 2024 · 1 min read

बीना दास एक अग्नि कन्या

जब भी राजनीति के दुर्भाग्य का जिक्र किया जाएगा
महान महिला क्रांतिकारियों को भुला दिया जाएगा

बनी हजारों चलचित्र संगीत संग चरित्र श्रंखलाएं
नहीं मिलती इन चिंगारियों की जलती हुई चिताएं

हो गईं निसार बिन सिंगार के मातृभूमि पर वीर कन्याएं
नहीं जलाई कभी किसी ने मशाल ये भी थी वीरांगनाएं
आओ करें नमन इनको फिर जीवित करने वालों को
दी है जगह किस्सों में अमर ज्योति इनकी भी जलाएं

भर जाती है आँख मेरी अक्सर ये सोचकर
जो मर गए देश के लिए हर खुशी छोड़कर
दिया क्या हमने उन्हें ऐ सफेद पोश डाकुओ
तुमने कभी सोचा ही नहीं कुर्सी को छोड़कर

कहते जिसे हैं अग्नि कन्या लाई हूँ वो किस्सा
रोता है आसमां कैसे गुजरा आजाद भारत का हिस्सा
C. A .A. की सार्थकता चटगाँव अग्नि कन्या किस्सा
मिला सम्मान तो छोड़ो रुला दिया अन्येष्टि का हिस्सा

जागो अब देशवासियों गूगल बाबा कहते हैं
कुछ तो करो जतन बने ये जीवन का हिस्सा
हे बीना दास तेरी दशा का कौन जिम्मेदार है
ये मिटटी ये समाज ये राष्ट्र तेरा कर्जदार है

सर्वस्व जिसने वार दिया स्वतंत्रता की वलिवेदी पर
उसका ही शव क्षत विक्षत मिला मार्ग किनारे ढेरी पर
आह ये विडम्बना कैसी कहो पद लोलुपता के खेती पर
तुमको नमन हे अग्नि कन्या छात्री संघ की रण भेरी पर

Language: Hindi
41 Views
Books from Dr.Pratibha Prakash
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