कहीं भूल मुझसे न हो जो गई है।
ग़ज़ल _ यादों में बस गया है।
ज़िन्दगी के सीधे सपाट रास्ते बहुत लंबी नहीं होती,
अपने किरदार से चमकता है इंसान,
#स्मृतिमंजूषा से दो मोती
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
आप देखो जो मुझे सीने लगाओ तभी
*कितनी भी चालाकी चल लो, समझ लोग सब जाते हैं (हिंदी गजल)*
इन्साफ की पुकार
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी "
खामोस है जमीं खामोस आसमां ,
आप लगाया न करो अपने होंठो पर लिपिस्टिक।
Some thoughts lie unanswered in the ocean of thoughts while