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29 May 2024 · 1 min read

घुटन

युवा मन,क्यों है इतना बैचेन,
क्यों खो गया सुकूं और चैन।
क्यों वे हमसे महसूस नहीं करते जुड़ाव,
कहां ले जा रहा उन्हें भीतर का तनाव।
रोज नित नए तरीके इज़ाद कर रहे,
क्यों जीवन से खुद को आजाद कर रहे।
क्यों महसूस कर रही भावी पीढ़ी इतनी घुटन,
कहीं खो गया है उनका मासूम मन।
क्यों वो सांझा नही करते अपने विचार,
किस बात का है डर कोन कर रहा उनकी सोच पर वार।
अपनो से होते जा रहे हैं दूर,
कौन है दोषी किसका है कुसूर।
वो अभी कच्चे घड़े हैं,
कितना तपाना है,कितना खपाना है, हमारी है जिम्मेदारी,
मजबूत बनाना हैं तो करनी होगी पूरी तैयारी।
ज्यादा तपाया तो जल जायेंगे,
कमजोर बनाया तो बिखर जायेंगे।
एक सामंजस्य हमें मिलकर लाना होगा,
खोए हुए,भटके हुए युवा को सही रास्ता दिखाना होगा।

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