Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 May 2024 · 2 min read

“वीर सेनानी”

तन – मन जिन्होंने सौंप दिया,
धरा को तिलक लगाने में,
खून की नदियाँ बहा दी,
धरती माँ को नहलाने में,
उन्हीं वीरों की गाथा,
आज मुझे सुनानी हैं,
सिँह की तरहा दहाड़ रहे,
हम वो वीर सेनानी हैं,
अपने खून के कतरों से,
धरती माँ नहलानी हैं,
लुकम चौकी पे जाके,
राजनाथ जी ने ललकारा,
शास्र ही नहीं पढ़ते,
शस्र भी उठाते हैं,
लगा निशाना बन्दूक का,
अब भी तुम्हें समझाते हैं,
सुनो ओ चीन !
दुश्मनों से मिलकर,
हमें मत धमकाओं तुम,
रणभेदी बिगुल बजा,
भूखे शेरों को मत जगाओं तुम,
नींद से जो जाग गये,
तुम पे भारी पड़ जायेंगे,
तुमने बीस मारें,
हम छप्पन मार के जायेंगे,
पहले हम छेड़ते नहीं,
फिर छोड़ते नहीं,
यही मन में ठानी हैं,
सीमा से परे धकेल दिया,
हम वो वीर सेनानी हैं,
अपने खून के कतरों से,
धरती माँ नहलानी हैं,
अब भी बाज़ आ जाओ,
आँखें मत दिखलाओ तुम,
जिसके बलबूते कूद रहें,
उसको भी धूल चटा देंगे,
दिल्ली में बैठे – बैठे,
लाहौर पे झंडा फहरा देंगे,
इतिहास गवाह है,
रणबाँकुरों का,
पग – पग पर बलिदान दिये,
हल्दीघाटी के युद्ध में,
अकबर के भी होश छीन लिये,
सुना नींद में भी सहम जाता था,
डर के मारे रातों को जग जाता था,
अकबर के भी छक्के छुड़ा दिये,
हम वो वीर सेनानी हैं,
अपने खून के कतरों से,
धरती माँ नहलानी हैं,
सुखदेव, भगतसिंह, राजगुरु ने,
बलिदानी जामा पहना था,
धरती माता सजी रहें,
अपना सर्वस्व त्याग दिया,
वंदे मातरम्, वंदे मातरम्,
कहते – कहते उन्होंने दी क़ुर्बानी हैं,
मौत से भी जो न डरे,
हम वो वीर सेनानी हैं,
“शकुन” अपने खून के कतरों से,
धरती माँ नहलानी हैं।

– शकुंतला अग्रवाल, जयपुर

Language: Hindi
9 Likes · 1 Comment · 189 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

एक लम्हा है ज़िन्दगी,
एक लम्हा है ज़िन्दगी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
सरोकार
सरोकार
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
Bahut दर्द हैं अंदर मग़र सब्र भी बहुत हैं
Bahut दर्द हैं अंदर मग़र सब्र भी बहुत हैं
ruchi sharma
Jeevan ka saar
Jeevan ka saar
Tushar Jagawat
यदि कार्य में निरंतरता बनीं रहती है
यदि कार्य में निरंतरता बनीं रहती है
सोनम पुनीत दुबे "सौम्या"
भगवान का संदेश
भगवान का संदेश
Dr. Mulla Adam Ali
।।
।।
*प्रणय प्रभात*
उसका कोना
उसका कोना
रश्मि मृदुलिका
मन में जीत की आशा होनी चाहिए
मन में जीत की आशा होनी चाहिए
Krishna Manshi (Manju Lata Mersa)
"मौत की अपनी पड़ी"
राकेश चौरसिया
ग़ज़ल डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी
ग़ज़ल डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
उसने मेरे खिलाफ बोला है
उसने मेरे खिलाफ बोला है
अरशद रसूल बदायूंनी
रुपया दिया जायेगा,उसे खरीद लिया जायेगा
रुपया दिया जायेगा,उसे खरीद लिया जायेगा
Keshav kishor Kumar
कुछ लोग बैठे थे मेरे कर्मो का हिसाब लगाने।
कुछ लोग बैठे थे मेरे कर्मो का हिसाब लगाने।
अश्विनी (विप्र)
मत पूछो मुझसे सवाल
मत पूछो मुझसे सवाल
Acharya Shilak Ram
सूर्य देव
सूर्य देव
Bodhisatva kastooriya
संभवतः अनुमानहीन हो।
संभवतः अनुमानहीन हो।
Kumar Kalhans
लो आ गए हम तुम्हारा दिल चुराने को,
लो आ गए हम तुम्हारा दिल चुराने को,
Jyoti Roshni
"बेहतर आइडिया"
Dr. Kishan tandon kranti
रास्ते पर कांटे बिछे हो चाहे, अपनी मंजिल का पता हम जानते है।
रास्ते पर कांटे बिछे हो चाहे, अपनी मंजिल का पता हम जानते है।
Yogi Yogendra Sharma : Motivational Speaker
प्रेम करने आता है तो, प्रेम समझने आना भी चाहिए
प्रेम करने आता है तो, प्रेम समझने आना भी चाहिए
Anand Kumar
एहसास
एहसास
Kanchan Khanna
होगे बहुत ज़हीन, सवालों से घिरोगे
होगे बहुत ज़हीन, सवालों से घिरोगे
Shweta Soni
आकलन
आकलन
Mahender Singh
मातु काल रात्रि
मातु काल रात्रि
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
दुनिया एक मुसाफिरखाना
दुनिया एक मुसाफिरखाना
Manoj Shrivastava
*चले पिता-माता को लेकर, कॉंवर श्रवण कुमार (गीत)*
*चले पिता-माता को लेकर, कॉंवर श्रवण कुमार (गीत)*
Ravi Prakash
फिर आई स्कूल की यादें
फिर आई स्कूल की यादें
Arjun Bhaskar
4885.*पूर्णिका*
4885.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
कभी हक़
कभी हक़
Dr fauzia Naseem shad
Loading...