तेरे दिल में है अहमियत कितनी,
हे दिल ओ दिल, तेरी याद बहुत आती है हमको
*प्रभु पर विश्वास करो पूरा, वह सारा जगत चलाता है (राधेश्यामी
മനസിന്റെ മണ്ണിചെപ്പിൽ ഒളിപ്പിച്ച നിധി പോലെ ഇന്നും നിന്നെ ഞാൻ
बापक भाषा
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
I hope one day the clouds will be gone, and the bright sun will rise.
सुनो मैथिल! अब सलहेस कहाँ!
कभी बाप मां के, थी कदमों में जन्नत,
जीवन जीने का ढंग - रविकेश झा
प्रीतम तोड़ी प्रीतड़ी, कर परदेसा वास।
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
॰॰॰॰॰॰*बाबुल का अँगना*॰॰॰॰॰॰
साधना की मन सुहानी भोर से