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25 May 2024 · 1 min read

औरत की अभिलाषा

नहीं चाहिए मुझे
अपने सपनों के मरने की उदासी छिपाने के लिए पोते जाने वाला पाउडर
मुझे चाहिए
वो हिम्मत जो अश्रु का कारण ही मिटा दे

नहीं चाहिए मुझे
देवी की पदवी
मुझे चाहिए
अपने बोलने, कहने, सुनने, पढने, बढने का अधिकार

नहीं चाहिए मुझे देवता
मुझे पशुवत टोरने और चाकरी के लिए
मुझे चाहिए
एक जीवनसाथी जो हर कदम पर साथ चल सके

नहीं चाहिए मुझे
बीवी का गुलाम
मुझे चाहिए वो
जो पैसे से न सही पर मन से सहयोग करे और मेरे आगे बढने पर हर्षित हो

नहीं चाहिए मुझे
लड़कियों के चरित्र को मापने वाली दुनिया
मुझे चाहिए कि
मैं खुद अपने लिए न्याय और स्वतंत्रता की परिभाषा घड़ूं।।

©️ रचना ‘मोहिनी’

2 Likes · 2 Comments · 125 Views
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