Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 May 2024 · 1 min read

बचपन

याद है मुझको अभी तक वो फ़साना याद है।
बचपन का बीता हुआ मुझको ज़माना याद है।
पास बैठकर जब हम गीत सुना करते थे ।
तेरे होठों से गाया हुआ हर तराना याद है ।
इस भरी महफ़िल में जब दीदार आपका हुआ।
तेरी जानिब से किया मुझको इशारा याद है
आएंगे खुशियों के पल अपनी भी जिंदगी में।
तेरी ही बातों का एक अफसाना मुझे याद है।
किस तरह हम भूल पाएंगे तुझको ऐ मेरे दोनों।
दोस्ती का मुझको हर एक बादा निभाना याद है।।

Language: Hindi
1 Like · 104 Views

You may also like these posts

आँधियों से क्या गिला .....
आँधियों से क्या गिला .....
sushil sarna
यूँ तो इस पूरी क़ायनात मे यकीनन माँ जैसा कोई किरदार नहीं हो
यूँ तो इस पूरी क़ायनात मे यकीनन माँ जैसा कोई किरदार नहीं हो
पूर्वार्थ
ये नसीबा खेल करता जिंदगी मझधार है ।
ये नसीबा खेल करता जिंदगी मझधार है ।
Jyoti Shrivastava(ज्योटी श्रीवास्तव)
है यह भी एक सत्य
है यह भी एक सत्य
उमा झा
इतना आसां नहीं ख़ुदा होना..!
इतना आसां नहीं ख़ुदा होना..!
पंकज परिंदा
अब घोसले से बाहर निकलने को कहते हो
अब घोसले से बाहर निकलने को कहते हो
Trishika S Dhara
मसला
मसला
निकेश कुमार ठाकुर
क्या कहूं अपने बारे में दुश्मन सा लगता हूं कुछ अपनेपन का छौं
क्या कहूं अपने बारे में दुश्मन सा लगता हूं कुछ अपनेपन का छौं
Ashwini sharma
*साम्ब षट्पदी---*
*साम्ब षट्पदी---*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
मुक्तक
मुक्तक
डॉक्टर रागिनी
बंद कमरे में
बंद कमरे में
Chitra Bisht
बचपन के दिन...
बचपन के दिन...
जगदीश लववंशी
स्वाधीनता के घाम से।
स्वाधीनता के घाम से।
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
😢महामूर्खता😢
😢महामूर्खता😢
*प्रणय*
"सनद"
Dr. Kishan tandon kranti
बहशीपन की हद पार कर गया आदमी ,
बहशीपन की हद पार कर गया आदमी ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
फिर आओ की तुम्हे पुकारता हूं मैं
फिर आओ की तुम्हे पुकारता हूं मैं
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी "
वियोग आपसी प्रेम बढ़ाता है...
वियोग आपसी प्रेम बढ़ाता है...
Ajit Kumar "Karn"
जब फैसला लिया तुमने
जब फैसला लिया तुमने
हिमांशु Kulshrestha
एकांत
एकांत
Shally Vij
एक बार
एक बार
Shweta Soni
इक उम्मीद
इक उम्मीद
शिव प्रताप लोधी
मुझे भी
मुझे भी "याद" रखना,, जब लिखो "तारीफ " वफ़ा की.
Ranjeet kumar patre
रावण की गर्जना व संदेश
रावण की गर्जना व संदेश
Ram Krishan Rastogi
किसी का खौफ नहीं, मन में..
किसी का खौफ नहीं, मन में..
अरशद रसूल बदायूंनी
प्यार या तकरार
प्यार या तकरार
ललकार भारद्वाज
4273.💐 *पूर्णिका* 💐
4273.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
कुंडलिया
कुंडलिया
गुमनाम 'बाबा'
ताकि अपना नाम यहाँ, कल भी रहे
ताकि अपना नाम यहाँ, कल भी रहे
gurudeenverma198
ये नोनी के दाई
ये नोनी के दाई
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
Loading...