Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 May 2024 · 1 min read

कल्पनाओं के बीज

कुछ कल्पनाओं के बीज बोए थे मैंने ,
सोच यह अंकुर फूटेगे कभी ,
फलित पुष्पित होगे यह भी कभी ,
धर रूप विशाल वृक्ष का
सुकून की छाँव देगे कभी ,
फूल इनके मेरी जिंदगी को मेहकाएगे ,
फल इनके मेरे जीवन यापन काम आएंगे ।

माली सी देख रेख की इनकी,
मेहनत जल रूप में दी।

सूर्य की तपिश सा किया संघर्ष,
सपने देखे इनके बड़े होने के ।

परंतु बहुत देर बाद यह समझ आया
जिस फल की कल्पना कर रही हूँ मैं
जो बोया , वो उसका बीज नहीं
इस कारण , जो उगा
वो मेरी कल्पना अनुसार सटीक नहीं।

अब है दो रहे समक्ष
हाय रब!
किस राह को अब चुना जाए??
क्या सभी कल्पनाओं को मिट्टी में मिला दिया जाए?
या फिर कुछ नए बीज लाकर फिर बोए जाए ??
करने को तो किया जा सकता है यह भी ,
जो उगा ,
उसको रब की देन समझ ,स्वीकार कर लिया जाए।

जो मिट्टी में, इसको मैं मिलाऊँगी
अपनी मेहनत और समय को गवाऊँगी।

जो नया बीज फिर से उगाऊँगी,
बची कुची जिंदगी को भी दाव पर लगाऊँगी।

और जो इसको शांति से अपनाऊँगी ,
मतलब अपनी कल्पनाओं का गला स्वयं मैं दबाऊँगी।

❤️ सखी

Language: Hindi
1 Like · 112 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

खुशी देने से मिलती है खुशी और ग़म देने से ग़म,
खुशी देने से मिलती है खुशी और ग़म देने से ग़म,
Ajit Kumar "Karn"
क्यों याद तुमको हम कल करेंगे
क्यों याद तुमको हम कल करेंगे
gurudeenverma198
प्यार मेरा तू ही तो है।
प्यार मेरा तू ही तो है।
Buddha Prakash
जाती हुई सर्दियां
जाती हुई सर्दियां
aestheticwednessday
मानसिक और भावनात्मक तकलीफ
मानसिक और भावनात्मक तकलीफ
Mamta Rani
मजेदार है जीवन
मजेदार है जीवन
महेश चन्द्र त्रिपाठी
"I met different people with different roles in my life, som
पूर्वार्थ
लक्ष्य
लक्ष्य
krupa Kadam
*ढोलक (बाल कविता)*
*ढोलक (बाल कविता)*
Ravi Prakash
दीवाना
दीवाना
देवेंद्र प्रताप वर्मा 'विनीत'
जनता
जनता
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
यदि आपकी मोहब्बत आपको नजर अंदाज कर रही है तो समझ लेना उसके न
यदि आपकी मोहब्बत आपको नजर अंदाज कर रही है तो समझ लेना उसके न
Rj Anand Prajapati
तुझसे दिल लगाने के बाद
तुझसे दिल लगाने के बाद
डॉ. एकान्त नेगी
3675.💐 *पूर्णिका* 💐
3675.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
धिन हैं बायण मात ने, धिन हैं गढ़ चित्तौड़।
धिन हैं बायण मात ने, धिन हैं गढ़ चित्तौड़।
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
गंधारी
गंधारी
Shashi Mahajan
चैलेंज
चैलेंज
Pakhi Jain
प्रीतम दोहावली
प्रीतम दोहावली
आर.एस. 'प्रीतम'
सावन की है ये पंचमी शुभयोग बना है,
सावन की है ये पंचमी शुभयोग बना है,
Anamika Tiwari 'annpurna '
पागल
पागल
Sushil chauhan
दुश्मनों की कमी नहीं जिंदगी में ...
दुश्मनों की कमी नहीं जिंदगी में ...
ओनिका सेतिया 'अनु '
बसंत
बसंत
surenderpal vaidya
लब पे ख़ामोशियों के पहरे थे
लब पे ख़ामोशियों के पहरे थे
Dr fauzia Naseem shad
" फर्क "
Dr. Kishan tandon kranti
एक शकुन
एक शकुन
Swami Ganganiya
एक उम्र गंवाई है हमने भी मनमानी के लिए
एक उम्र गंवाई है हमने भी मनमानी के लिए
पूर्वार्थ देव
कोई पूछे तो
कोई पूछे तो
Surinder blackpen
अकल का खाता
अकल का खाता
Mukund Patil
Exam Stress
Exam Stress
Tushar Jagawat
"भेड़ों के झुंड" और "भाड़े की भीड़" में एकमात्र अंतर यह है कि भ
*प्रणय प्रभात*
Loading...