Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 May 2024 · 1 min read

कहीं तो …

91…
17.5.24.

फ़ेलुन फ़ेलुन फ़ेलुन फ़ेलुन

कहीं तो धब्बे दाग निकालो
बसंत अब के आग निकालो
#
जो अपनी मनमानी करते
पकड़ अकड़ वो झाग निकालो
#
बेसुर होकर ढोल न पीटो
मधुर सुरों के राग निकालो
#
सोने को अभी उम्र पड़ी है
कुछ दिन केवल जाग निकालो
#
अंदर विष तो काम न देगा
बेहतर बाहर नाग निकालो
#
सुशील यादव
न्यू आदर्श नगर दुर्ग

Language: Hindi
1 Like · 61 Views

You may also like these posts

खिलखिलाते हैं उसे देखकर बहुत से लोग,
खिलखिलाते हैं उसे देखकर बहुत से लोग,
Anand Kumar
प्यार की खोज में
प्यार की खोज में
Shutisha Rajput
गुफ्तगू करना चाहो तो
गुफ्तगू करना चाहो तो
Chitra Bisht
बारिश!
बारिश!
Pradeep Shoree
जिंदगी
जिंदगी
हिमांशु Kulshrestha
खुद से ही अब करती बातें
खुद से ही अब करती बातें
Mamta Gupta
Poetry Writing Challenge-3 Result
Poetry Writing Challenge-3 Result
Sahityapedia
श्रंगार
श्रंगार
Vipin Jain
चिकित्सक- देव तुल्य
चिकित्सक- देव तुल्य
डॉ. शिव लहरी
#वी वाँट हिंदी
#वी वाँट हिंदी
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
सत्य
सत्य
Neha
अब इश्क़ की हर रात सुहानी होगी ।
अब इश्क़ की हर रात सुहानी होगी ।
Phool gufran
शून्य
शून्य
उमेश बैरवा
हम हिन्दू हैं
हम हिन्दू हैं
Pooja Singh
2958.*पूर्णिका*
2958.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
पुष्पों की यदि चाह हृदय में, कण्टक बोना उचित नहीं है।
पुष्पों की यदि चाह हृदय में, कण्टक बोना उचित नहीं है।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
लो फिर नया साल आ गया...
लो फिर नया साल आ गया...
Jyoti Roshni
त्राहि नाद
त्राहि नाद
कुमार अविनाश 'केसर'
सबको बस अपनी मेयारी अच्छी लगती है
सबको बस अपनी मेयारी अच्छी लगती है
अंसार एटवी
जी.आज़ाद मुसाफिर भाई
जी.आज़ाद मुसाफिर भाई
gurudeenverma198
मधुशाला रास न आई तू
मधुशाला रास न आई तू
Shyamsingh Lodhi Rajput "Tejpuriya"
अवध में दीप जलायेंगे
अवध में दीप जलायेंगे
Kavita Chouhan
गुमशुदा लोग
गुमशुदा लोग
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
*कभी पहाड़ों पर जाकर हिमपात न देखा क्या देखा (मुक्तक)*
*कभी पहाड़ों पर जाकर हिमपात न देखा क्या देखा (मुक्तक)*
Ravi Prakash
क्षणिका
क्षणिका
sushil sarna
दोहा मुक्तक -*
दोहा मुक्तक -*
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
Ghazal
Ghazal
shahab uddin shah kannauji
मुक्तक
मुक्तक
पंकज कुमार कर्ण
आज  भी  इंतज़ार  है उसका,
आज भी इंतज़ार है उसका,
Dr fauzia Naseem shad
कोई तो है जो मुझे झरोखे से झांकता है,
कोई तो है जो मुझे झरोखे से झांकता है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
Loading...