Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 May 2024 · 1 min read

कवि हूँ मै …

कवि हूँ मै, तुम्हारी ही

धुंदलिसि छवि हूँ मैं

जैसा दिखा वैसा लिखा

हूँ वास्तवदर्शी आईना

कवि हूँ मै,आनेवाली

अगली कड़ी हूँ मैं

जो भी अच्छा लगे बुरा लगे

भला लगे या ,लगे बड़ा प्यारा

कवि हूँ मै जलनेवाली

तपती कढ़ाई हूँ मैं

सच की लड़ाई , झूठ का पर्दापाश

ढेर सारा प्यार कभी उपहास हूँ मैं

कवि हूँ मै दुःख का दरिया हूँ

प्यार दुलार का समंदर हूँ बेशक

राजसत्ता का नहीं हूँ केवल प्रशंसक

तानाशाही को जड़ से उखाडने का हुनर भी हूँ

कवि हूँ मै प्यारीसी छवि हूँ मैं

सुंदरता का दूसरा रूप दिखाता

ऊँचे – ऊँचे परबत , खेत खलियान

झील झरने किनारे नाचनेवाला मयूर

कवि हूँ मै हर दिल की धड़कन

अजबसी तड़पन , बेरुखी भी हूँ

नन्हे से बालक की किलकारियां

ईथर उधर बिखरी पड़ी हूँ खुसी

कवि हूँ मै , अजबसि छवी हूँ

मुज़मे हैं वो सब राज दफ़्न आजभी

मुझे साफ साफ दिखती हैं जन्नत

धुंदलीसी और आज का जहांन्नुम भी

Language: Hindi
72 Views

You may also like these posts

जिस्मों के चाह रखने वाले मुर्शद ,
जिस्मों के चाह रखने वाले मुर्शद ,
शेखर सिंह
बुंदेली दोहा - किरा (कीड़ा लगा हुआ खराब)
बुंदेली दोहा - किरा (कीड़ा लगा हुआ खराब)
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
इसीलिए तो हम, यहाँ के आदिवासी हैं
इसीलिए तो हम, यहाँ के आदिवासी हैं
gurudeenverma198
*प्यार तो होगा*
*प्यार तो होगा*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
चूड़ी
चूड़ी
अंकित आजाद गुप्ता
#सवाल-
#सवाल-
*प्रणय*
इश्क की राहों में मिलते हैं,
इश्क की राहों में मिलते हैं,
हिमांशु Kulshrestha
हम सबके सियाराम
हम सबके सियाराम
Sudhir srivastava
सोन चिरैया
सोन चिरैया
Mukta Rashmi
दिसम्बर माह और यह कविता...😊
दिसम्बर माह और यह कविता...😊
पूर्वार्थ
Ultimately the end makes the endless world ....endless till
Ultimately the end makes the endless world ....endless till
सिद्धार्थ गोरखपुरी
#हा ! प्राणसखा . . . . . !
#हा ! प्राणसखा . . . . . !
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
" सुन्दरी"
Dr. Kishan tandon kranti
सब डरें इंसाफ से अब, कौन सच्चाई कहेगा।
सब डरें इंसाफ से अब, कौन सच्चाई कहेगा।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
मस्ती
मस्ती
Rambali Mishra
समय बदल गया है और यह कुछ इस तरह रिश्तों में भी बदलाव लेकर आय
समय बदल गया है और यह कुछ इस तरह रिश्तों में भी बदलाव लेकर आय
Rekha khichi
सागर तो बस प्यास में, पी गया सब तूफान।
सागर तो बस प्यास में, पी गया सब तूफान।
Suryakant Dwivedi
4239.💐 *पूर्णिका* 💐
4239.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
अफसाना किसी का
अफसाना किसी का
surenderpal vaidya
संवेदना मनुष्यता की जान है
संवेदना मनुष्यता की जान है
Krishna Manshi
शिष्टाचार और सद्व्यवहार
शिष्टाचार और सद्व्यवहार
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
हे परमपिता मिले हमसफ़र जो हर इक सफ़र में भी साथ दे।
हे परमपिता मिले हमसफ़र जो हर इक सफ़र में भी साथ दे।
सत्य कुमार प्रेमी
*डॉ अर्चना गुप्ता जी* , मुरादाबाद(कुंडलिया)*
*डॉ अर्चना गुप्ता जी* , मुरादाबाद(कुंडलिया)*
Ravi Prakash
मनुष्य अंत काल में जिस जिस भी भाव को स्मरण करता हुआ शरीर त्य
मनुष्य अंत काल में जिस जिस भी भाव को स्मरण करता हुआ शरीर त्य
Shashi kala vyas
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
नई किरण रोशनी की ….
नई किरण रोशनी की ….
meenu yadav
महिलाओं की बात ही कुछ और है
महिलाओं की बात ही कुछ और है
Sarla Mehta
तू लाख छुपा ले पर्दे मे दिल अपना हम भी कयामत कि नजर रखते है
तू लाख छुपा ले पर्दे मे दिल अपना हम भी कयामत कि नजर रखते है
Rituraj shivem verma
वो नींदें उड़ाकर दगा कर रहे हैं।
वो नींदें उड़ाकर दगा कर रहे हैं।
Phool gufran
विषधर
विषधर
Rajesh
Loading...