Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 May 2024 · 1 min read

*Love filters down the soul*

Solace do I desire to relish your touch.

It reaches deep down heart

and lifts me afloat among the clouds above.

I hear my heart-beats drumming a tune

a beat lifting my soul to dance and sing.

A pinch, a gentle touch and a lot more

Be on my side, as you only my eyes adore.

My eyes wide awake but still dreamy

Smile on my lips and soul a little calm

I do long for your mesmerizing charm.

It shines a tinkle with clever tring

Your love, your touch and your words sing

A song too melodious,

Soothing down my whole being.

Language: English
2 Likes · 760 Views
Books from Poonam Matia
View all

You may also like these posts

भावना के कद्र नइखे
भावना के कद्र नइखे
आकाश महेशपुरी
भरोसा
भरोसा
ललकार भारद्वाज
हमारे बुजुर्गो की वैज्ञानिक सोच
हमारे बुजुर्गो की वैज्ञानिक सोच
मधुसूदन गौतम
आशा
आशा
Nutan Das
Where is the will there is a way
Where is the will there is a way
Dr Archana Gupta
"प्रथम साहित्य सृजेता"
Dr. Kishan tandon kranti
अग्नि परीक्षा!
अग्नि परीक्षा!
Pradeep Shoree
खुशी तो आज भी गांव के पुराने घरों में ही मिलती है 🏡
खुशी तो आज भी गांव के पुराने घरों में ही मिलती है 🏡
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
प्रतिभा का कितना अपमान
प्रतिभा का कितना अपमान
Acharya Shilak Ram
मैंने क्यों नहीं अपनाया तुझे?
मैंने क्यों नहीं अपनाया तुझे?
Ankita Patel
Lucky Number Seven!
Lucky Number Seven!
R. H. SRIDEVI
मीठे बोल
मीठे बोल
DR ARUN KUMAR SHASTRI
सुबह की तलब की चाय तुम हो।
सुबह की तलब की चाय तुम हो।
Rj Anand Prajapati
पर्यावरण
पर्यावरण
Rambali Mishra
वाटिका विध्वंस
वाटिका विध्वंस
Jalaj Dwivedi
परछाई
परछाई
Dr Mukesh 'Aseemit'
3915.💐 *पूर्णिका* 💐
3915.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
सुनो...
सुनो...
हिमांशु Kulshrestha
पैरालंपिक एथलीटों का सर्वोच्च प्रदर्शन
पैरालंपिक एथलीटों का सर्वोच्च प्रदर्शन
Harminder Kaur
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
मनमीत
मनमीत
पं अंजू पांडेय अश्रु
समय
समय
नूरफातिमा खातून नूरी
उसे भूला देना इतना आसान नहीं है
उसे भूला देना इतना आसान नहीं है
Keshav kishor Kumar
*बताए मेरी गलती जो, उसे ईनाम देता हूँ (हिंदी गजल)*
*बताए मेरी गलती जो, उसे ईनाम देता हूँ (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
चार दिन की ज़िंदगी
चार दिन की ज़िंदगी
कार्तिक नितिन शर्मा
सुबह की चाय की तलब हो तुम।
सुबह की चाय की तलब हो तुम।
Rj Anand Prajapati
सावण तीज
सावण तीज
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
छोटी
छोटी
इंजी. संजय श्रीवास्तव
कहमुकरियाँ हिन्दी महीनों पर...
कहमुकरियाँ हिन्दी महीनों पर...
डॉ.सीमा अग्रवाल
बड़ा सरल है तोड़ना,
बड़ा सरल है तोड़ना,
sushil sarna
Loading...