Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 May 2024 · 1 min read

उम्र घटने लगी

उम्र घटने लगी, साँस थामने लगी,
है बची ज़िंदगी आखिरी ……..
देव जाने नहीं, शास्त्र जाने नहीं,
नहीं जानी गुरु की है, महिमा कभी,
अब क्या होगा प्रभो, अब क्या होगा विभो,
टूटने जब लगी, साँस की है लड़ी …
निज को जाना नहीं, पर को त्यागा नहीं,
नहीं सोचा कभी, क्यों मिली ज़िंदगी,
अब क्या होगा प्रभो ?अब क्या होगा विभो ?
वो दिन कब आएगा , वो दिन कब आएगा ?
हम भी चल देंगे जब, श्री गुरु की गली,
अष्ट कर्मों का प्रभु कर लेंगे गलन,
तब ही पा जाएँगे, रत्नत्रय की निधि,
उम्र घटने लगी , साँस थमने लगी …….

51 Views
Books from Nitesh Shah
View all

You may also like these posts

"बेखुदी "
Pushpraj Anant
गाय, गौदुग्ध और भक्त
गाय, गौदुग्ध और भक्त
Dr MusafiR BaithA
-सत्य को समझें नही
-सत्य को समझें नही
Seema gupta,Alwar
आ लौट आ
आ लौट आ
Surinder blackpen
9) खबर है इनकार तेरा
9) खबर है इनकार तेरा
पूनम झा 'प्रथमा'
वक़्त की ललकार
वक़्त की ललकार
Shekhar Chandra Mitra
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
तुम्हारा ज़वाब सुनने में कितना भी वक्त लगे,
तुम्हारा ज़वाब सुनने में कितना भी वक्त लगे,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
नैनों की मधुरशाला में खो गया मैं,
नैनों की मधुरशाला में खो गया मैं,
Shambhavi Johri
गीत भी तुम साज़ भी तुम
गीत भी तुम साज़ भी तुम
सुशील भारती
मत्तगयंद सवैया
मत्तगयंद सवैया
जगदीश शर्मा सहज
वक्त की नज़ाकत और सामने वाले की शराफ़त,
वक्त की नज़ाकत और सामने वाले की शराफ़त,
ओसमणी साहू 'ओश'
जिस दिन हम ज़मी पर आये ये आसमाँ भी खूब रोया था,
जिस दिन हम ज़मी पर आये ये आसमाँ भी खूब रोया था,
Ranjeet kumar patre
* विदा हुआ है फागुन *
* विदा हुआ है फागुन *
surenderpal vaidya
वैसे थका हुआ खुद है इंसान
वैसे थका हुआ खुद है इंसान
शेखर सिंह
मेरी जान बस रही तेरे गाल के तिल में
मेरी जान बस रही तेरे गाल के तिल में
Devesh Bharadwaj
प्रकृति के स्वरूप
प्रकृति के स्वरूप
डॉ० रोहित कौशिक
*वेद-कथा (मुक्तक)*
*वेद-कथा (मुक्तक)*
Ravi Prakash
ज़िंदगी के मायने
ज़िंदगी के मायने
Shyam Sundar Subramanian
मुहब्बत
मुहब्बत
Dr. Upasana Pandey
भिखारी कविता
भिखारी कविता
OM PRAKASH MEENA
"लघु कृषक की व्यथा"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
कही दूर नहीं हो ,
कही दूर नहीं हो ,
Buddha Prakash
हिंदी दोहे-पुरवाई
हिंदी दोहे-पुरवाई
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
दिल्ली चलें सब साथ
दिल्ली चलें सब साथ
नूरफातिमा खातून नूरी
चांद सा खुबसूरत है वो
चांद सा खुबसूरत है वो
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
ज्योति हाॅस्पिटल
ज्योति हाॅस्पिटल
डॉ.सतगुरु प्रेमी
"लोग"
Dr. Kishan tandon kranti
अवध स' आबू ने श्रीराम...
अवध स' आबू ने श्रीराम...
मनोज कर्ण
2971.*पूर्णिका*
2971.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Loading...