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2 Feb 2024 · 1 min read

2971.*पूर्णिका*

2971.*पूर्णिका*
🌷 रुके नहीं पथ पर कभी 🌷
2212 2212
रुके नहीं पथ पर कभी ।
चढ़ते जहाँ रथ पर कभी।।
विपरीत परिस्थिति हो भले।
खोए न धैर्य यूं पर कभी ।।
बढ़ते कदम अपना जहाँ ।
हारा नहीं कथ पर कभी ।।
दामन किसी का थाम ले।
छोड़ा नहीं नथ पर कभी ।।
उतरे खरा खेदू जरा ।
दुनिया मरे हम पर कभी ।।
………..✍ डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
02-02-2024शुक्रवार

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