Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 May 2024 · 1 min read

बेवफ़ा इश्क़

इश्क सीखने को मैंने सोचा तुमसे,
सुना तुमसे इश्क करने को जमाने जाने लगे।
और बिछड़ा जो भी तुमसे तो हाल मैंने देखा उनका
तुमसे बिछड़ कर यार सब मयखाने जाने लगे।।
शराब का नशा बहुत बुरी लत है, तेरे इश्क का नशा करके लोगों की जाने जाने लगे।
और जो कुछ बच गए तेरे इश्क में मरने से
वे बचे लोग आज शायर जाने जाने लगे।।
तुझसे इश्क़ में जीती हर दफा मधुयंका,
जो रूठी एक बार तो तुम मनाने आने लगे।
शायद महफिल की बदनामी से डर गए तुम यार
इसलिए तुम मुझसे इश्क निभाने आने लगे।।

126 Views
Books from Madhuyanka Raj
View all

You may also like these posts

संवेदन-शून्य हुआ हर इन्सां...
संवेदन-शून्य हुआ हर इन्सां...
डॉ.सीमा अग्रवाल
कभी हमारे शहर आओ तो मिल लिया करो
कभी हमारे शहर आओ तो मिल लिया करो
PRATIK JANGID
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
*बादल चाहे जितना बरसो, लेकिन बाढ़ न आए (गीत)*
*बादल चाहे जितना बरसो, लेकिन बाढ़ न आए (गीत)*
Ravi Prakash
कोई आपसे तब तक ईर्ष्या नहीं कर सकता है जब तक वो आपसे परिचित
कोई आपसे तब तक ईर्ष्या नहीं कर सकता है जब तक वो आपसे परिचित
Rj Anand Prajapati
योग की महिमा
योग की महिमा
Dr. Upasana Pandey
// सुविचार //
// सुविचार //
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
गम की मुहर
गम की मुहर
हरवंश हृदय
नींद कि नजर
नींद कि नजर
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
ऑनलाइन शॉपिंग
ऑनलाइन शॉपिंग
Shekhar Chandra Mitra
पनौती
पनौती
आकाश महेशपुरी
People in your life should be a source of reducing stress, n
People in your life should be a source of reducing stress, n
पूर्वार्थ
"विक्रम" उतरा चाँद पर
Satish Srijan
भारत अखंड है, अखंड ही रहेगा
भारत अखंड है, अखंड ही रहेगा
Harinarayan Tanha
17. Eat Right
17. Eat Right
Ahtesham Ahmad
रिश्तों में आपसी मजबूती बनाए रखने के लिए भावना पर ध्यान रहना
रिश्तों में आपसी मजबूती बनाए रखने के लिए भावना पर ध्यान रहना
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
# कुछ देर तो ठहर जाओ
# कुछ देर तो ठहर जाओ
Koमल कुmari
" परदेशी पिया "
Pushpraj Anant
क्या तुम मुझको भूल पावोगे
क्या तुम मुझको भूल पावोगे
gurudeenverma198
मेरी कलम से…
मेरी कलम से…
Anand Kumar
अपने दर्द को अपने रब से बोल दिया करो।
अपने दर्द को अपने रब से बोल दिया करो।
इशरत हिदायत ख़ान
ऋतु शरद
ऋतु शरद
Sandeep Pande
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Neelofar Khan
मौज-मस्ती
मौज-मस्ती
Vandna Thakur
" धुन "
Dr. Kishan tandon kranti
गज़ल क्या लिखूँ मैं तराना नहीं है
गज़ल क्या लिखूँ मैं तराना नहीं है
VINOD CHAUHAN
माँ मुझे जवान कर तू बूढ़ी हो गयी....
माँ मुझे जवान कर तू बूढ़ी हो गयी....
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
समस्याएं भी निराश होती हैं
समस्याएं भी निराश होती हैं
Sonam Puneet Dubey
खेल खेल में छूट न जाए जीवन की ये रेल।
खेल खेल में छूट न जाए जीवन की ये रेल।
सत्य कुमार प्रेमी
..
..
*प्रणय*
Loading...