Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 May 2024 · 1 min read

मेरे भैया मेरे अनमोल रतन

वीर लिखूं कि धीर लिखूं
या खुशी की शमशीर लिखूं
काट के रख दर्द के दानव;
छांट के रख दे दुख के बादलI

आए घर में तुम जिस पल ;
खुशी की धारा बही निष्छल
आज भी याद है खुशियों का स्वरूप ;
लगते थे ज्यों कृष्ण अनूप |

चक्र समय का कहां रुका है?
नरों में भेड़िया कहां झुका है?
पर जब- जब देखूं मैं तुमको;
पाऊं सुल्ताना सी खुद खुद को |

भटकन की राह पर बने आलोक
चिंता मेरी गई परलोक।
रूप ,यश ,कीर्ति के तुम स्वामी
हम बहनों के अंतर्यामी |

ईश्वर जन्म अगले जो आऊं
तुम सा ही भ्राता बस पाऊं।
तुम रहो मस्त ;तुम रहो स्वस्थ ;
तुम रहो हर चीज में आश्वस्त

हर खुशी तुम्हारी; हर विजय तुम्हारा ;
हर निराशा से करो किनारा।
जीवन में हर जीत हो हासिल;
हर हुनर तुम्हारा; रहो सदैव ही काबिल !
तुम्हारा जीवन ख़ुशी की परिधि
कहती है तुम्हारी दीदी !

Language: Hindi
83 Views
Books from Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
View all

You may also like these posts

नकाब ....
नकाब ....
sushil sarna
श्री गणेश भगवान की जन्म कथा
श्री गणेश भगवान की जन्म कथा
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
विरह
विरह
Shutisha Rajput
*किताब*
*किताब*
Shashank Mishra
ऐसी दिवाली कभी न देखी
ऐसी दिवाली कभी न देखी
Priya Maithil
कविता की कथा
कविता की कथा
Arun Prasad
*छ्त्तीसगढ़ी गीत*
*छ्त्तीसगढ़ी गीत*
Dr.Khedu Bharti
मुझसे देखी न गई तकलीफ़,
मुझसे देखी न गई तकलीफ़,
पूर्वार्थ
जीवन शैली
जीवन शैली
OM PRAKASH MEENA
सम्बन्धों की
सम्बन्धों की
*प्रणय*
हांथ जोड़ते-पैर पड़ते हैं, हर खता के बाद वो।
हांथ जोड़ते-पैर पड़ते हैं, हर खता के बाद वो।
श्याम सांवरा
रिश्तों में दूरी
रिश्तों में दूरी
Rekha khichi
हम–तुम एक नदी के दो तट हो गए– गीत
हम–तुम एक नदी के दो तट हो गए– गीत
Abhishek Soni
गर्दिश में सितारा
गर्दिश में सितारा
Shekhar Chandra Mitra
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
बड़े नहीं फिर भी बड़े हैं ।
बड़े नहीं फिर भी बड़े हैं ।
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
🚩साल नूतन तुम्हें प्रेम-यश-मान दे।
🚩साल नूतन तुम्हें प्रेम-यश-मान दे।
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
वन्दे मातरम्
वन्दे मातरम्
Vandana Namdev
सारे आयोजन बाहरी हैं लेकिन
सारे आयोजन बाहरी हैं लेकिन
Acharya Shilak Ram
अर्थहीन हो गई पंक्तियां कविताओं में धार कहां है।
अर्थहीन हो गई पंक्तियां कविताओं में धार कहां है।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
धनुष वर्ण पिरामिड
धनुष वर्ण पिरामिड
Rambali Mishra
* कुछ ख्वाब सलौने*
* कुछ ख्वाब सलौने*
Vaishaligoel
अमिर -गरीब
अमिर -गरीब
Mansi Kadam
24. इल्जाम
24. इल्जाम
Rajeev Dutta
#ਸਭ ਵੇਲੇ - ਵੇਲੇ ਦੀ ਗੱਲ ਲੋਕੋ
#ਸਭ ਵੇਲੇ - ਵੇਲੇ ਦੀ ਗੱਲ ਲੋਕੋ
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
The Nature
The Nature
Bidyadhar Mantry
मेरी मोहब्बत
मेरी मोहब्बत
Pushpraj Anant
कहल झूठ हमर की ?
कहल झूठ हमर की ?
श्रीहर्ष आचार्य
काश ये
काश ये
हिमांशु Kulshrestha
"गूगल से"
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...