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8 May 2024 · 1 min read

3418⚘ *पूर्णिका* ⚘

3418⚘ पूर्णिका
🌹 दुनिया रोज मचलती है 🌹
22 22 22 2
दुनिया रोज मचलती है ।
फितरत देख बदलती है ।।
जाने समझे कुछ बातें ।
कैसे खुशियांँ मिलती है ।।
साथ नहीं कोई तो भी ।
हरदम सांसे चलती है ।।
धूप जहाँ है छाँव वहाँ ।
देखो किसको खलती है ।।
मस्त रहते है व्यस्त खेदू।
अरमाँ खुद ही पलती है ।।
…….✍ डॉ .खेदू भारती “सत्येश “
08-05-202बुधवार

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