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8 May 2024 · 1 min read

शबनम

शबनम उठा के देखो नज़रों की क़ायनात,
कह रही है ये चाँदनी बस तुम्हारी ही बात!!

हर सांवली सूरत में बसी ख़्वाब और वफ़ाएँ,
जैसे ख़ुदा ने पूछी हो यूं मेरे दिल की बात!!

©️ डॉ. शशांक शर्मा “रईस”

Language: Hindi
81 Views

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