Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 May 2024 · 1 min read

घृणा के बारे में

घृणा उगने उगाने के लिए
सबसे उर्वर भूमि है धर्म
धर्म में पड़कर एक आदमी
दूसरे धर्म के आदमी से इतना अलग हो जाता है
भंगुर व्यवहार हो जाता है कि
वह आन धर्म के आदमी से
दूरी, द्वेष, विद्वेष और घृणा पालने लगता है

घृणा तब भी हम धर्मी मनुष्यों को चुन लेती है
जब हम उसको सीढ़ी बना
सत्ता और शक्ति पाने का हवस पाल लेते हैं।
यह कल के पुरातन काल का भी सच था और आज के आधुनिक समय का भी है सच है

भारत इक्कीसवीं सदी की
विज्ञान और तकनीक से समृद्ध होती
लगभग एक चौथाई जमीं को नाप चुका है, मगर, जनता घृणा के सौदागर को
विज्ञान और तकनीक को चूस कर
अवैज्ञानिक विचार और अंधविश्वास को
सहलाने वालों को
अपना नेता चुन रही है।

घृणा–व्यापार का
जबकि विज्ञानिक और तकनीक से
तनिक भी मेल नहीं
घृणा गाव–तकिया बनी हुई है
घृणा का व्यापार कर
फलने फूलने वालों का!

Language: Hindi
44 Views
Books from Dr MusafiR BaithA
View all

You may also like these posts

ऋतु गर्मी की आ गई,
ऋतु गर्मी की आ गई,
Vedha Singh
अबाध गति से गतिमान, कालचक्र चलता रहता है
अबाध गति से गतिमान, कालचक्र चलता रहता है
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
मनहरण घनाक्षरी
मनहरण घनाक्षरी
Rambali Mishra
गलतफहमियां
गलतफहमियां
Kshma Urmila
जाने कब पहुंचे तरक्की अब हमारे गांव में
जाने कब पहुंचे तरक्की अब हमारे गांव में
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
सलीका शब्दों में नहीं
सलीका शब्दों में नहीं
उमेश बैरवा
*जिसका सुंदर स्वास्थ्य जगत में, केवल वह धनवान है (हिंदी गजल)
*जिसका सुंदर स्वास्थ्य जगत में, केवल वह धनवान है (हिंदी गजल)
Ravi Prakash
- भाई से बड़ा नही कोई साथी -
- भाई से बड़ा नही कोई साथी -
bharat gehlot
कहने का फर्क है
कहने का फर्क है
Poonam Sharma
दोहा
दोहा
गुमनाम 'बाबा'
"आक्रात्मकता" का विकृत रूप ही "उन्माद" कहलाता है। समझे श्रीम
*प्रणय*
उड़ चल रे परिंदे....
उड़ चल रे परिंदे....
जगदीश लववंशी
अकेला गया था मैं
अकेला गया था मैं
Surinder blackpen
सौदेबाजी रह गई,
सौदेबाजी रह गई,
sushil sarna
Just be like a moon.
Just be like a moon.
Satees Gond
लोकसभा में रच दिया,नया और इतिहास
लोकसभा में रच दिया,नया और इतिहास
RAMESH SHARMA
Maine Dekha Hai Apne Bachpan Ko!
Maine Dekha Hai Apne Bachpan Ko!
Srishty Bansal
विषय
विषय
Rituraj shivem verma
मंत्र: सिद्ध गंधर्व यक्षाधैसुरैरमरैरपि। सेव्यमाना सदा भूयात्
मंत्र: सिद्ध गंधर्व यक्षाधैसुरैरमरैरपि। सेव्यमाना सदा भूयात्
Harminder Kaur
अपना पद अउर कद के खयाल जरूर रहो
अपना पद अउर कद के खयाल जरूर रहो
अवध किशोर 'अवधू'
if you love me you will get love for sure.
if you love me you will get love for sure.
पूर्वार्थ
आज फिर हाथों में गुलाल रह गया
आज फिर हाथों में गुलाल रह गया
Rekha khichi
सद्ज्ञानमय प्रकाश फैलाना हमारी शान है।
सद्ज्ञानमय प्रकाश फैलाना हमारी शान है।
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
"जिन्दादिल"
Dr. Kishan tandon kranti
बचपन के सबसे प्यारे दोस्त से मिलने से बढ़कर सुखद और क्या हो
बचपन के सबसे प्यारे दोस्त से मिलने से बढ़कर सुखद और क्या हो
इशरत हिदायत ख़ान
जिंदगी बहुत आसान
जिंदगी बहुत आसान
Ranjeet kumar patre
शेखर सिंह ✍️
शेखर सिंह ✍️
शेखर सिंह
सुख-दुख का साथी
सुख-दुख का साथी
Sudhir srivastava
प्रश्न मुझसे मत करो तुम
प्रश्न मुझसे मत करो तुम
Harinarayan Tanha
ठंडक
ठंडक
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
Loading...