Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 May 2024 · 1 min read

दो वक्त के निवाले ने मजदूर बना दिया

बेरोजगारी ने शिक्षित को मजबूर बना दिया
दो वक्त के निवाले ने मजदूर बना दिया

सोचता हूँ आज
क्यों दब गई आवाज
रुठी कलम नाराज हमसे कायदा हुआ
शिक्षित होना आज देखो बेफायदा हुआ
गुरूर था जिस शिक्षा पे बेनूर बना दिया
दो वक्त के निवाले ने मजदूर

देखता हूँ आज
बदला है क्यों समाज
अपने थे जो वे हाथ छुड़ाने लगे सभी
मजबूरियाँ अपनी ही गिनाने लगे सभी
बहाना कहूँ या उन्होने दस्तूर बना लिया
दो वक्त के निवाले ने मजदूर

पूछता हूँ आज
अ खुदा तेरा अंदाज
‘V9द’ मारा-मारा फिरे वे हैं आराम से
खेलता है खेल क्यों किस्मत के नाम पे
कंकर किसी को तुने कोहिनूर बना दिया
दो वक्त के निवाले ने मजदूर

स्वरचित
V9द चौहान

1 Like · 72 Views
Books from VINOD CHAUHAN
View all

You may also like these posts

तौबा- तौबा  आजकल,
तौबा- तौबा आजकल,
sushil sarna
3996.💐 *पूर्णिका* 💐
3996.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
विषम परिस्थियां
विषम परिस्थियां
Dr fauzia Naseem shad
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
Mere Dil mein kab aapne apna Ghar kar liya
Mere Dil mein kab aapne apna Ghar kar liya
Jyoti Roshni
"उम्रों के बूढे हुए जिस्मो को लांघकर ,अगर कभी हम मिले तो उस
Shubham Pandey (S P)
ईश्वर के ठेकेदार
ईश्वर के ठेकेदार
आकाश महेशपुरी
पूर्वानुमान गलत हो सकता है पर पूर्व अनुभव नहीं।
पूर्वानुमान गलत हो सकता है पर पूर्व अनुभव नहीं।
Rj Anand Prajapati
शीर्षक -काली घटा घनघोर!
शीर्षक -काली घटा घनघोर!
Sushma Singh
खुद देख सको देखो ये हाल तुम्हारे हैं।
खुद देख सको देखो ये हाल तुम्हारे हैं।
सत्य कुमार प्रेमी
"आदमी की तलाश"
Dr. Kishan tandon kranti
#ਸਭ ਵੇਲੇ - ਵੇਲੇ ਦੀ ਗੱਲ ਲੋਕੋ
#ਸਭ ਵੇਲੇ - ਵੇਲੇ ਦੀ ਗੱਲ ਲੋਕੋ
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
किस्मत का खेल
किस्मत का खेल
manorath maharaj
उम्मीद
उम्मीद
ओनिका सेतिया 'अनु '
कोई मेरे दिल में उतर के तो देखे...
कोई मेरे दिल में उतर के तो देखे...
singh kunwar sarvendra vikram
भांथी* के विलुप्ति के कगार पर होने के बहाने
भांथी* के विलुप्ति के कगार पर होने के बहाने
Dr MusafiR BaithA
उम्र गुजर जाएगी।
उम्र गुजर जाएगी।
Rekha khichi
बाहर मीठे बोल परिंदे..!
बाहर मीठे बोल परिंदे..!
पंकज परिंदा
शुभ धनतेरस
शुभ धनतेरस
Sonam Puneet Dubey
हाँ ये सच है
हाँ ये सच है
Saraswati Bajpai
आजादी  भी अनुशासित हो।
आजादी भी अनुशासित हो।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
तुम्हारे जैसे थे तो हम भी प्यारे लगते थे
तुम्हारे जैसे थे तो हम भी प्यारे लगते थे
Keshav kishor Kumar
'भारत पुत्री'
'भारत पुत्री'
Godambari Negi
आनंद वर्धक / पीयूष वर्ष छंद विधान सउदाहरण
आनंद वर्धक / पीयूष वर्ष छंद विधान सउदाहरण
Subhash Singhai
प्रकृति और मानव
प्रकृति और मानव
Rahul Singh
आकांक्षा तारे टिमटिमाते ( उल्का )
आकांक्षा तारे टिमटिमाते ( उल्का )
goutam shaw
सूर्योदय
सूर्योदय
Madhu Shah
हर शक्स की एक कहानी है ।
हर शक्स की एक कहानी है ।
PRATIK JANGID
रखें बड़े घर में सदा, मधुर सरल व्यवहार।
रखें बड़े घर में सदा, मधुर सरल व्यवहार।
आर.एस. 'प्रीतम'
अगर इश्क़ है तो उसे पाने के खातिर आखिरी सांस तक जोर लगा दो
अगर इश्क़ है तो उसे पाने के खातिर आखिरी सांस तक जोर लगा दो
शिव प्रताप लोधी
Loading...