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2 May 2024 · 1 min read

3377⚘ *पूर्णिका* ⚘

3377⚘ पूर्णिका
🌹 एक सा रहता नहीं दिन कभी 🌹
212 2212 212
एक सा रहता नहीं दिन कभी।
साथ है अपना नहीं दिन कभी।।
साज भी बजते यहाँ देख ले।
गीत यूं गाता नहीं दिन कभी ।।
रौशन उजाले रहे अब कहीं ।
तिमिर-रश्मि देते नहीं दिन कभी।।
आरजू अपनी मस्ती में चमन।
सोच के कहता नहीं दिन कभी।।
महकते खेदू जरा जिंदगी।
दिन कभी बनता नहीं दिन कभी।।
……..✍ डॉ .खेदू भारती “सत्येश “
02-05-2024गुरुवार

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