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2 May 2024 · 1 min read

माँ

माँ
प्रथम शिक्षिका जीवन की नहाने से भोजन कराने तक की प्रथम वात्सल्य स्नेह की प्रथम वृक्ष छाया जीवन की प्रथम ऊर्जा जीवन अंकुर की माँ करुणामयी – ममतामयी सृजनशील – सहनशील अनुभवी सलाहकार – प्रभारी माँ जगत – जननी सदा मंगल करनी निश्चिल – निष्पक्ष सदैव विश्वास की माँ सबसे नाता करुणा का रखती संवेदना मानवता का सदैव अंतकरण शुध्द भावना का
माँ की दुआएं देती शक्ति-विवेक का
– राजू गजभिये

Language: Hindi
1 Like · 137 Views
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