डर अंधेरों से नही अपने बुरे कर्मों से पैदा होता है।
ज़िंदगी हो जिसमें, वो सुब्ह नज़र में रखना ,
*रखिए जीवन में सदा, उजला मन का भाव (कुंडलिया)*
"Where do I run when home doesn't feel home anymore."
बस! नामी रिश्ता दोस्ती का
Why am I getting so perplexed ?
फूल सी खुश्बू लुटातीं बेटियां
शब्द जो कर दें निशब्द
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
बरसात का मौसम तो लहराने का मौसम है,
सब कुछ पा लेने की इच्छा ही तृष्णा है और कृपापात्र प्राणी ईश्
कृपाण घनाक्षरी (करवा चौथ )
सच हमारे जीवन के नक्षत्र होते हैं।