“मौन”
“मौन”
सप्त सुरों का गायन
आत्म का मंथन,
दीपकों की तरह
रोशनी का संगम।
एक अविकल प्रार्थना
आधि न व्याधि,
सतत-यात्रा
एक चिर समाधि।
“मौन”
सप्त सुरों का गायन
आत्म का मंथन,
दीपकों की तरह
रोशनी का संगम।
एक अविकल प्रार्थना
आधि न व्याधि,
सतत-यात्रा
एक चिर समाधि।