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27 Dec 2023 · 1 min read

पापा तुम बिन

पापा तुम बिन
पापा ,तुम बिन कैसे जिआ जाए
कोई तो हमें बताए,
आपको बिन एक पल भी चैन न आए
हरपल आँखों से आँसू ही बहते जाएं,
पापा हरपल आपकी याद आती है
सीने में जो दर्द है
तो क्यों न आज अपने दिल का दर्द लिखूं
अपनी साँसें बेचकर भी तो न चुका पाऊंगी मैं
मेरे पापा का है मुझपर वो कर्ज़ लिखूं,
तुम बिन पापा ,हर पल सबको बेचैनी रोती हुई दिखूं,
बैठाकर अपने कँधे पर आपने घुमाया था पापा,
थाम हमारी ऊँगली चलना भी आपने सिखाया था पापा,
तुम्हें अब कैसे बब्बू के कँधों पर ले जाता पापा
अपने हाथों से आपको अग्नि दे पाता पापा,
आपसे बिछड़ने का दर्द कैसे कोई सह पाता पापा,
हमारी आँखों के सामने ही आपने दम तोड़ दिया पापा,
ऐसी क्या भूल हो गई जो 12मई हमसे मुँह मोड़ लिया पापा,
अपनी आँखों देखा वो मंज़र मैं भुलाऊँ कैसे???
तुम बिन ,बीत रही है दिल पर क्या ये बताऊँ कैसे??
तुम बिन ,न दिन में सुकून है न रातों को सोती हूँ मैं,
पापा,बस तुम्हारी याद में फूट फूटकर रोती हूँ मैं,
हरपल बस यही सोचती हूँ मैं,
कब आप आओगे हमें गले लगाओगे,
अब और न हमें सताओ पापा,
एक बार तो चले आओ पापा
एक बार तो चले आओ पापा,
हम सब तड़प रहे हैं तुम बिन
हमें सीने से लगाओ पापा
तुम बिन हम बहुत अकेले,
एक बार तो चले आओ पापा….

वंदना ठाकुर “चहक”

1 Comment · 143 Views

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