Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Apr 2024 · 1 min read

“लाजिमी”

“लाजिमी”
कार्यपालिका हो
विधायिका हो
चाहे न्यायपालिका हो
जनता ही सबकी स्वामिनी है,
आईने के सम्मुख
सबका खड़े होना
आज बेहद लाजिमी है।

3 Likes · 3 Comments · 169 Views
Books from Dr. Kishan tandon kranti
View all

You may also like these posts

*दर्पण में छवि देखकर, राधा जी हैरान (कुंडलिया)*
*दर्पण में छवि देखकर, राधा जी हैरान (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
दाग
दाग
Neeraj Agarwal
World Earth Day
World Earth Day
Tushar Jagawat
जानां कभी तो मेरे हाल भी पूछ लिया करो,
जानां कभी तो मेरे हाल भी पूछ लिया करो,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
۔۔۔۔۔۔۔۔۔۔۔۔غزل۔۔۔۔۔۔۔۔۔۔۔۔۔
۔۔۔۔۔۔۔۔۔۔۔۔غزل۔۔۔۔۔۔۔۔۔۔۔۔۔
Dr fauzia Naseem shad
सभी को सभी अपनी तरह लगते है
सभी को सभी अपनी तरह लगते है
Shriyansh Gupta
दिल के दरवाजे भेड़ कर देखो - संदीप ठाकुर
दिल के दरवाजे भेड़ कर देखो - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
मैंने एक चांद को देखा
मैंने एक चांद को देखा
नेताम आर सी
अच्छे कर्मों का फल (लघुकथा)
अच्छे कर्मों का फल (लघुकथा)
Indu Singh
My Guardian Angel
My Guardian Angel
Manisha Manjari
हिंसा
हिंसा
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
"यदि"
Dr. Kishan tandon kranti
अच्छी बात है
अच्छी बात है
Ashwani Kumar Jaiswal
इतनी भी
इतनी भी
Santosh Shrivastava
■ शुभ देवोत्थान
■ शुभ देवोत्थान
*प्रणय*
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Shweta Soni
मतवाला
मतवाला
Deepesh Dwivedi
बिना जिसके न लगता दिल...
बिना जिसके न लगता दिल...
आर.एस. 'प्रीतम'
नव दुर्गा का ब़म्हचारणी स्वरूप
नव दुर्गा का ब़म्हचारणी स्वरूप
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
तेवरी में नपुंसक आक्रोश +बी.एल. प्रवीण
तेवरी में नपुंसक आक्रोश +बी.एल. प्रवीण
कवि रमेशराज
23/127.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/127.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
यथार्थ में …
यथार्थ में …
sushil sarna
शीर्षक -फूल सब पथ मैं सजा लूंँ!
शीर्षक -फूल सब पथ मैं सजा लूंँ!
Sushma Singh
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
- मंजिल को पाना -
- मंजिल को पाना -
bharat gehlot
यहां बच्चे पैदा करने की योजना बना रहे पुरुषों के लिए कुछ सुझ
यहां बच्चे पैदा करने की योजना बना रहे पुरुषों के लिए कुछ सुझ
Urmil Suman(श्री)
चिंगारी
चिंगारी
Dr. Mahesh Kumawat
लड़ने को तो होती नहीं लश्कर की ज़रूरत
लड़ने को तो होती नहीं लश्कर की ज़रूरत
अंसार एटवी
* सिला प्यार का *
* सिला प्यार का *
surenderpal vaidya
प्रेम : तेरे तालाश में....!
प्रेम : तेरे तालाश में....!
VEDANTA PATEL
Loading...