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7 Apr 2024 · 1 min read

“मनुष्यता से..”

“मनुष्यता से..”
विचित्र है यह माया
पैसे की बाजार की
इस सदी के चमन की,
कैसी तहज़ीब है ये
मनुष्यता से प्रस्थान कर
पशुता की ओर गमन की।

3 Likes · 3 Comments · 124 Views
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