Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 Mar 2024 · 1 min read

3211.*पूर्णिका*

3211.*पूर्णिका*
🌷 अपनी होगी जीत रे🌷
22 22 212
अपनी होगी जीत रे।
कहता है दिल मीत रे।।
पाना खोना जिंदगी।
ये दुनिया की रीत रे।।
अपना सुंदर दामन।
देख सच्ची है प्रीत रे।।
खुशियां बांटे नेकिया।
हरदम गाते गीत रे।।
मनमोहक है ये जहाँ
भाव यहाँ नवनीत रे।।
मौसम खेदू खुशनुमा ।
मधुर बजे संगीत रे।।
……..✍ डॉ. खेदू भारती “सत्येश”
30-03-2024शनिवार

173 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

प्रेम वो भाषा है
प्रेम वो भाषा है
Dheerja Sharma
"आसमान पर छाए बादल ,
Neeraj kumar Soni
रामधारी सिंह दिवाकर की कहानी 'गाँठ' का मंचन
रामधारी सिंह दिवाकर की कहानी 'गाँठ' का मंचन
आनंद प्रवीण
ये हक़ीक़त है ज़िंदगानी की,
ये हक़ीक़त है ज़िंदगानी की,
Dr fauzia Naseem shad
कभी उत्कर्ष कभी अपकर्ष
कभी उत्कर्ष कभी अपकर्ष
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
अन्हारे अन्हार,देसे देस
अन्हारे अन्हार,देसे देस
श्रीहर्ष आचार्य
**** रक्षाबंधन का त्योहार आया ****
**** रक्षाबंधन का त्योहार आया ****
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
प्यार में पड़े किसी इंसान की दो प्रेमिकाएं होती हैं,
प्यार में पड़े किसी इंसान की दो प्रेमिकाएं होती हैं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
कसूरवान
कसूरवान
Sakhi
आदिवासी कभी छल नहीं करते
आदिवासी कभी छल नहीं करते
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
मेरा और उसका अब रिश्ता ना पूछो।
मेरा और उसका अब रिश्ता ना पूछो।
शिव प्रताप लोधी
विसर्जन
विसर्जन
Deepesh Dwivedi
विजया दशमी की हार्दिक बधाई शुभकामनाएं 🎉🙏
विजया दशमी की हार्दिक बधाई शुभकामनाएं 🎉🙏
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
बुद्ध चाहिए युद्ध नहीं / रजनी तिलक (पूरी कविता...)
बुद्ध चाहिए युद्ध नहीं / रजनी तिलक (पूरी कविता...)
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
लव यू
लव यू "जॉन"
शिवम "सहज"
ठुकरा दो अगर दे कोई ज़िल्लत से समंदर
ठुकरा दो अगर दे कोई ज़िल्लत से समंदर
पूर्वार्थ
मेरा दुश्मन
मेरा दुश्मन
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
#हिंदी / #उर्दू
#हिंदी / #उर्दू
*प्रणय*
एक छोर नेता खड़ा,
एक छोर नेता खड़ा,
Sanjay ' शून्य'
Thought
Thought
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
पाखंड
पाखंड
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
Dr. Arun Kumar Shastri
Dr. Arun Kumar Shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
আমি হতে চাই
আমি হতে চাই
Arghyadeep Chakraborty
कुछ लोगो की चालाकियां खुल रही है
कुछ लोगो की चालाकियां खुल रही है
पं अंजू पांडेय अश्रु
(वक्त)
(वक्त)
Sangeeta Beniwal
जज़्बातों का खेल
जज़्बातों का खेल
ललकार भारद्वाज
माया
माया
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
कोई जिंदगी में यूँ ही आता नहीं
कोई जिंदगी में यूँ ही आता नहीं
VINOD CHAUHAN
" शरारत "
Dr. Kishan tandon kranti
खुद
खुद
Swami Ganganiya
Loading...