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16 Feb 2024 · 1 min read

सुर्ख चेहरा हो निगाहें भी शबाब हो जाए ।

सुर्ख चेहरा हो निगाहें भी शबाब हो जाए ।
तेरे रुकसार पे भी दिल आफताब हो जाए।
मेरे इन्तेखाब में जिस दिन तू न रहे हमदम ।
मेरे मौला उसी दिन ये आंखें खराब हो जाए ।।
Phool gufran

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