Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Mar 2024 · 1 min read

बापू फिर से आ जाओ

चीख उठी है धरती सारी, घायल है मानवता
छाए हैं आतंक के बादल, जाग रही बर्बरता
बापू फिर से आ जाओ, दुनिया में अलख जगा जाओ
छूट रही है सत्यअहिंसा, फिर से इसे जगा जाओ
धरती हो आतंक मुक्त, ऐसी हवा चला जाओ
कहीं जाति धर्म के झगड़े हैं, दुनिया में कितने पचड़े हैं
मंदिर में बम फट जाते हैं, मस्जिद में मारे जाते हैं
हिंसक हो जाते गुरुद्वारे, गिरजे भी जल जाते हैं
हे बापू फिर से आ जाओ, ऐसी समरसता फैलाओ
लगी हुई है आग पाप की, फिर से इसे बुझा जाओ
छूट रही है सुचिता मन की, खबर नहीं है जीवन धन की
दौड़ रहा है धन के पीछे, खबर नहीं है अपने तन की
भ्रष्टाचार फैला सुरसा सा, बापू इसे मिटा जाओ
बापू फिर से आ जाओ
बढ़ते हुए उपभोक्तावाद ने, दुनिया को बहुत सताया
ग्राम स्वराज्य का सपना बापू ,नक्शे में ना आ पाया
ऐसा बड़ा प्रदूषण जग में, जहर हवाओं में आया
एक घूंट पानी भी बापू, शुद्ध नहीं बच पाया
बापू फिर से आ जाओ, आकर इन्हें बचा जाओ
बापू मैं यह प्रण लेता हूं, मैं सुचिता सदा रखूंगा
अपने तन मन धन से, देश की सेबा सदा करूंगा
जाति धर्म भाषा अंचल पर, अब मैं नहीं लडूंगा
देश और दुनिया में, मानव कल्याण करुंगा
सुरेश कुमार चतुर्वेदी

2 Likes · 2 Comments · 105 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from सुरेश कुमार चतुर्वेदी
View all

You may also like these posts

प्याली से चाय हो की ,
प्याली से चाय हो की ,
sushil sarna
इश्क़ का ख़याल
इश्क़ का ख़याल
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
दिल है के खो गया है उदासियों के मौसम में.....कहीं
दिल है के खो गया है उदासियों के मौसम में.....कहीं
shabina. Naaz
प्रिय क्यों बनाते बोनसाई
प्रिय क्यों बनाते बोनसाई
Anil Kumar Mishra
उड़ने दे मुझे
उड़ने दे मुझे
सोनू हंस
****जिओंदा रहे गुरदीप साड़ा ताया *****
****जिओंदा रहे गुरदीप साड़ा ताया *****
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
टैडी बीयर
टैडी बीयर
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
Sumclub là cổng game bài đổi thưởng tin cậy, hợp pháp tại Vi
Sumclub là cổng game bài đổi thưởng tin cậy, hợp pháp tại Vi
Sumclub - Đẳng cấp game bài đổi thưởng
होती क्या है काया?
होती क्या है काया?
Nilesh Premyogi
! विकसित भारत !!
! विकसित भारत !!
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
ये ज़िन्दगी है आपकी
ये ज़िन्दगी है आपकी
Dr fauzia Naseem shad
लोगों ने पार की है हद की सीमाएं।
लोगों ने पार की है हद की सीमाएं।
Rj Anand Prajapati
जो संघर्ष की राह पर चलते हैं, वही लोग इतिहास रचते हैं।।
जो संघर्ष की राह पर चलते हैं, वही लोग इतिहास रचते हैं।।
Lokesh Sharma
J88 Okvip
J88 Okvip
J88 Okvip
प्रभु हैं खेवैया
प्रभु हैं खेवैया
Dr. Upasana Pandey
बदलती जिंदगी
बदलती जिंदगी
पूर्वार्थ
देह और ज्ञान
देह और ज्ञान
Mandar Gangal
नफ़रत भर गई है, रोम रोम नकारता।
नफ़रत भर गई है, रोम रोम नकारता।
श्याम सांवरा
6. शहर पुराना
6. शहर पुराना
Rajeev Dutta
आई होली आई होली
आई होली आई होली
VINOD CHAUHAN
हो गए दूर क्यों, अब हमसे तुम
हो गए दूर क्यों, अब हमसे तुम
gurudeenverma198
*बेटी को पलकों पर रखना, धन्यवाद दामाद जी (गीत)*
*बेटी को पलकों पर रखना, धन्यवाद दामाद जी (गीत)*
Ravi Prakash
काश कही ऐसा होता
काश कही ऐसा होता
Swami Ganganiya
"दिल में"
Dr. Kishan tandon kranti
विश्व हिन्दी दिवस
विश्व हिन्दी दिवस
Paras Nath Jha
विवाहोत्सव
विवाहोत्सव
Acharya Rama Nand Mandal
🙅पक्का वादा🙅
🙅पक्का वादा🙅
*प्रणय प्रभात*
"कुमार्य "
Shakuntla Agarwal
भारत से गद्दारी तक
भारत से गद्दारी तक
ललकार भारद्वाज
Loading...