Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Mar 2024 · 1 min read

One day you will realized that happiness was never about fin

One day you will realized that happiness was never about finishing your degree, finding a job with high salary, or being in a relationship with someone you can consider as your other half. Happiness was never about exceeding all the expectations on you and following the footprints of your family when it comes to a certain career. It was never being someone that you idolized and it’s not all about fame and popularity. Soon, you will realized that true happiness lies within the boundaries of your heart, when you follow your passion, when you live your life based on your own terms without following the orders of someone, when you step outside your comfort zone and discover things that you’re not aware that you’re capable of. It’s all about embracing your progress without criticizing your productivity, It’s all about your unexpected smile when you watch the sunsets. It’s all about embracing the real you rather than imitating and comparing yourself to other people. You will understand it one day that you can be happy alone, happiness comes from within and you cannot find it on other people. True happiness lies within the boundaries of your heart, it will happen and you will not even notice it.

175 Views

You may also like these posts

*सुबह-सुबह अच्छा लगता है, रोजाना अखबार (गीत)*
*सुबह-सुबह अच्छा लगता है, रोजाना अखबार (गीत)*
Ravi Prakash
करते हो परेशान क्यूँ मुझको,आज फिर अपनी यादों से
करते हो परेशान क्यूँ मुझको,आज फिर अपनी यादों से
Kailash singh
अब कौन-कौन परखेगा यूं हमें,
अब कौन-कौन परखेगा यूं हमें,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
ज़िंदगी की सिलवटें
ज़िंदगी की सिलवटें
Dr. Rajeev Jain
.........?
.........?
शेखर सिंह
हम रहें कि न रहें
हम रहें कि न रहें
Shekhar Chandra Mitra
बंजारा
बंजारा
Mohammed urooj khan
जाने कितने चढ़ गए, फाँसी माँ के लाल ।
जाने कितने चढ़ गए, फाँसी माँ के लाल ।
sushil sarna
2741. *पूर्णिका*
2741. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
शे
शे
*प्रणय*
दुनिया में कहीं नहीं है मेरे जैसा वतन
दुनिया में कहीं नहीं है मेरे जैसा वतन
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
बचपन जी लेने दो
बचपन जी लेने दो
Dr.Pratibha Prakash
ओ चिरैया
ओ चिरैया
Girija Arora
रमेशराज के 2 मुक्तक
रमेशराज के 2 मुक्तक
कवि रमेशराज
तिरछी निगाहे
तिरछी निगाहे
Santosh kumar Miri
चाकित हो गए ये नेत्र मेरे आपके स्वरुप का दर्शन पाके,
चाकित हो गए ये नेत्र मेरे आपके स्वरुप का दर्शन पाके,
Chaahat
I love you
I love you
Otteri Selvakumar
कुछ देर पहले
कुछ देर पहले
Jai Prakash Srivastav
तुम्हें निभाना नहीं आया
तुम्हें निभाना नहीं आया
हिमांशु Kulshrestha
*Flying Charms*
*Flying Charms*
Poonam Matia
"दिल में झाँकिए"
Dr. Kishan tandon kranti
जय हनुमान
जय हनुमान
Sudhir srivastava
बहने दो निःशब्दिता की नदी में, समंदर शोर का मुझे भाता नहीं है
बहने दो निःशब्दिता की नदी में, समंदर शोर का मुझे भाता नहीं है
Manisha Manjari
कौवों को भी वही खिला सकते हैं जिन्होंने जीवित माता-पिता की स
कौवों को भी वही खिला सकते हैं जिन्होंने जीवित माता-पिता की स
गुमनाम 'बाबा'
प्रदर्शन
प्रदर्शन
Rambali Mishra
तू कहती रह, मैं सुनता रहूँगा।।
तू कहती रह, मैं सुनता रहूँगा।।
Rituraj shivem verma
अब  रह  ही  क्या गया है आजमाने के लिए
अब रह ही क्या गया है आजमाने के लिए
हरवंश हृदय
काश !!..
काश !!..
ओनिका सेतिया 'अनु '
यह अपना धर्म हम, कभी नहीं भूलें
यह अपना धर्म हम, कभी नहीं भूलें
gurudeenverma198
Loading...