Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Mar 2024 · 1 min read

जीवन को जीतती हैं

होती हैं अन्तहीन
हमारी महत्वकांक्षाएं ।
जीवन को जीतती हैं
हमारी विशेषताएं ।।
जीवन यात्रा का
हर मार्ग हो सुगम ।
हो सीमित अगर
हमारी आवश्यकताएं ।
संबंधो की जीवंतता में
आवश्यक है ।
जो भी हों स्वयं से
हो हमारी अपेक्षाएं ।।

डाॅ फौज़िया नसीम शाद

9 Likes · 179 Views
Books from Dr fauzia Naseem shad
View all

You may also like these posts

एक स्पर्श
एक स्पर्श
sheema anmol
अम्मा वापस आ गई
अम्मा वापस आ गई
Sudhir srivastava
लीजिए प्रेम का अवलंब
लीजिए प्रेम का अवलंब
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
किस कदर
किस कदर
हिमांशु Kulshrestha
कविता-कूड़ा ठेला
कविता-कूड़ा ठेला
Dr MusafiR BaithA
दोहा पंचक. . . मेघ
दोहा पंचक. . . मेघ
sushil sarna
इश्क़-ए-जज़्बात
इश्क़-ए-जज़्बात
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
जब रात बहुत होती है, तन्हाई में हम रोते हैं ,
जब रात बहुत होती है, तन्हाई में हम रोते हैं ,
Neelofar Khan
मैं तुझसे मोहब्बत करने लगा हूं
मैं तुझसे मोहब्बत करने लगा हूं
Sunil Suman
सब कुछ मिट गया
सब कुछ मिट गया
Madhuyanka Raj
#आज_का_क़ता (मुक्तक)
#आज_का_क़ता (मुक्तक)
*प्रणय*
दुनिया की हर वोली भाषा को मेरा नमस्कार 🙏🎉
दुनिया की हर वोली भाषा को मेरा नमस्कार 🙏🎉
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
शिवकुमार बिलगरामी के बेहतरीन शे'र
शिवकुमार बिलगरामी के बेहतरीन शे'र
Shivkumar Bilagrami
समझ मत मील भर का ही, सृजन संसार मेरा है ।
समझ मत मील भर का ही, सृजन संसार मेरा है ।
Ashok deep
LOVE
LOVE
SURYA PRAKASH SHARMA
फिर भी गुनगुनाता हूं
फिर भी गुनगुनाता हूं
Kaviraag
आजकल लोग बहुत निष्ठुर हो गए हैं,
आजकल लोग बहुत निष्ठुर हो गए हैं,
ओनिका सेतिया 'अनु '
प्रेम
प्रेम
Roopali Sharma
परिवर्तन का मार्ग ही सार्थक होगा, प्रतिशोध में तो ऊर्जा कठोर
परिवर्तन का मार्ग ही सार्थक होगा, प्रतिशोध में तो ऊर्जा कठोर
Ravikesh Jha
There will be days when you will feel not okay. You will fee
There will be days when you will feel not okay. You will fee
Ritesh Deo
कर्मा
कर्मा
शालिनी राय 'डिम्पल'✍️
मैं बहुत कुछ जानता हूँ
मैं बहुत कुछ जानता हूँ
Arun Prasad
खाने में थूक! छी
खाने में थूक! छी
Sanjay ' शून्य'
मैं ढूंढता हूं रातो - दिन कोई बशर मिले।
मैं ढूंढता हूं रातो - दिन कोई बशर मिले।
सत्य कुमार प्रेमी
गुरु की महिमा
गुरु की महिमा
Anamika Tiwari 'annpurna '
3316.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3316.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
कविता का शीर्षक: मैं अभी जीना चाहता हूं कविताः जब निराशा से,
कविता का शीर्षक: मैं अभी जीना चाहता हूं कविताः जब निराशा से,
पूर्वार्थ
आओ अच्छाई अपनाकर
आओ अच्छाई अपनाकर
महेश चन्द्र त्रिपाठी
बॉर्डर पर जवान खड़ा है।
बॉर्डर पर जवान खड़ा है।
Kuldeep mishra (KD)
गलत विचार और गलत काम पर कितने भी दिग्गज लोग काम करें असफल ही
गलत विचार और गलत काम पर कितने भी दिग्गज लोग काम करें असफल ही
pratibha Dwivedi urf muskan Sagar Madhya Pradesh
Loading...