Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Mar 2024 · 1 min read

3117.*पूर्णिका*

3117.*पूर्णिका*
🌷 मेरे करीब जो आते हैं🌷
2212 122 22
मेरे करीब जो आते हैं।
सच खुशनसीब हो जाते हैं ।।
रंगीन है यहाँ कुदरत भी।
दुनिया हसीन हो जाते हैं ।।
पग चूमती हसरतें मंजिल ।
शानी हबीब हो जाते हैं ।।
हासिल मुकाम दामन देखो।
अपना रकीब हो जाते हैं ।।
मतलब नहीं जहाँ कुछ खेदू।
इंसां मुजीब हो जाते हैं।।
……….✍ डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
12-03-2024मंगलवार

119 Views

You may also like these posts

इतने बीमार
इतने बीमार
Dr fauzia Naseem shad
समय अपवाद से नहीं ✨️ यथार्थ से चलता है
समय अपवाद से नहीं ✨️ यथार्थ से चलता है
©️ दामिनी नारायण सिंह
- आंसुओ की कीमत -
- आंसुओ की कीमत -
bharat gehlot
पर्वत और गिलहरी...
पर्वत और गिलहरी...
डॉ.सीमा अग्रवाल
वो आंगन ढूंढ रहा हूं
वो आंगन ढूंढ रहा हूं
Prithvi Singh Beniwal Bishnoi
गुजर रही थी उसके होठों से मुस्कुराहटें,
गुजर रही थी उसके होठों से मुस्कुराहटें,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
जयचंद
जयचंद
ललकार भारद्वाज
स्तुति - दीपक नीलपदम्
स्तुति - दीपक नीलपदम्
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
उजले दिन के बाद काली रात आती है
उजले दिन के बाद काली रात आती है
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
सीमा पार
सीमा पार
Dr. Kishan tandon kranti
सिंहपर्णी का फूल
सिंहपर्णी का फूल
singh kunwar sarvendra vikram
वेदना
वेदना
संजीव शुक्ल 'सचिन'
"सूखा सावन"
राकेश चौरसिया
कैसे हो गया बेखबर तू , हमें छोड़कर जाने वाले
कैसे हो गया बेखबर तू , हमें छोड़कर जाने वाले
gurudeenverma198
4729.*पूर्णिका*
4729.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मंत्र चंद्रहासोज्जलकारा, शार्दुल वरवाहना ।कात्यायनी शुंभदघां
मंत्र चंद्रहासोज्जलकारा, शार्दुल वरवाहना ।कात्यायनी शुंभदघां
Harminder Kaur
या सरकारी बन्दूक की गोलियाँ
या सरकारी बन्दूक की गोलियाँ
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
पिता
पिता
Dr.Priya Soni Khare
गीत- हँसते हुये गाते हुये...
गीत- हँसते हुये गाते हुये...
आर.एस. 'प्रीतम'
*मतदान करें*
*मतदान करें*
नवल किशोर सिंह
अफ़वाह है ये शहर भर में कि हमने तुम्हें भुला रक्खा है,
अफ़वाह है ये शहर भर में कि हमने तुम्हें भुला रक्खा है,
Shikha Mishra
प्रेम सदा निष्काम का ,
प्रेम सदा निष्काम का ,
sushil sarna
With every step, you learn, you soar,
With every step, you learn, you soar,
Sakshi Singh
*साम्ब षट्पदी---*
*साम्ब षट्पदी---*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
आज कल परिवार में  छोटी छोटी बातों को अपने भ्रतिक बुद्धि और अ
आज कल परिवार में छोटी छोटी बातों को अपने भ्रतिक बुद्धि और अ
पूर्वार्थ
पहाड़ पर कविता
पहाड़ पर कविता
Brijpal Singh
जिंदगी.... कितनी ...आसान.... होती
जिंदगी.... कितनी ...आसान.... होती
Dheerja Sharma
World Environmental Day
World Environmental Day
Tushar Jagawat
"आए हैं ऋतुराज"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
दिया ज्ञान का भंडार हमको,
दिया ज्ञान का भंडार हमको,
Ranjeet kumar patre
Loading...